Navalgarh: राजस्थान की बात हो और ऊंट की न हो तो ये अधूरा सा लगता है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों में होने वाली शादियों में कभी कभार दो-चार ऊंट आज भी दिख जाते हैं. पर झुंझुनूं में एक ऐसी शादी का नजारा देखा गया जो गांव की पारंपरिक सवारी ऊंट गाड़ी पर निकली. 21 ऊंट गाड़ियों को सजा-धजाकर उसपर बाराती बन-ठनकर सवार हुए और धीरे-धीरे राजस्थानी गानों को गुनगुनाते हुए चल पड़ें.
झुंझुनूं के कुमावास गांव में एक बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई. बारात 21 सजे-धजे ऊंटों पर निकाली गई थी. कुमावास से बारात 2 घंटे में 6 किलोमीटर दूरी तय कर दुराना पहुंची. इस शाही बारात को देखने हर कोई घर से बाहर निकल आया. कुमावास निवासी नाहरसिंह शेखावत ने दूल्हे बने अपने बेटे संदीप की बारात ऊंटगाड़ियों पर निकाली. एक साथ सजी-धजी 21 ऊंटगाड़ियों पर बाराती बैठे थे. बारातियों का उत्साह चरम पर था. कुमावास गांव में ऊंटगाड़ियों पर बारात करीब 50 साल बाद ही देखने को मिली है.
दुराना गांव की सीमा पर बारातियों का स्वागत किया गया. कुमावास से लेकर दुराना तक लोगों ऊंट गाड़ियों पर आई बारात का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया और काफी उत्साहित नजर आए. दूल्हे संदीप सिंह शेखावत ने बताया कि इतने ऊंट गाड़ों की व्यवस्था करना थोड़ा कठिन लग रहा था. 13 ऊंट तो उनके गांव आसपास ही मिल गए. बाकी के ऊंट गाड़ियों के लिए दूसरे गांवों में संपर्क किया. कुमावास निवासी संदीप सिंह शेखावत की शादी सिर्फ ऊंटगाड़ियों के कारण यादगार नहीं बनी. संदीप ने शादी में दहेज भी नहीं लिया. सिर्फ एक नारियल और एक रुपए को ही दहेज मानकर उसने शादी कर ली. दूल्हा संदीप एक्सेस बैंक में कर्मचारी है.
Reporter: Sandeep Kedia