हनुमान मंदिर की भूमि को भू-माफियाओं से बचाने के लिए ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
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हनुमान मंदिर की भूमि को भू-माफियाओं से बचाने के लिए ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

गोविंदगढ़ तहसील क्षेत्र के रामबास गांव के बस स्टैंड की स्थिति से मैच वाले हनुमान जी मंदिर (Hanuman Temple) पर भूमि विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिनाच मंदिर को भूमि दान करने वाले दाता शैलेंद्र कुमार के अनुसार, संवत 1975 यानि करीब 100 साल पहले उनके पूर्वज संपत आदि ने 2 बीघा जमीन दान में दी थी.

हनुमान मंदिर का भूमि विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है

Alwar: गोविंदगढ़ तहसील क्षेत्र के रामबास गांव के बस स्टैंड की स्थिति से मैच वाले हनुमान जी मंदिर (Hanuman Temple) पर भूमि विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिनाच मंदिर को भूमि दान करने वाले दाता शैलेंद्र कुमार के अनुसार, संवत 1975 यानि करीब 100 साल पहले उनके पूर्वज संपत आदि ने 2 बीघा जमीन दान में दी थी. यह जमीन 2028 तक मंदिर के नाम पर पंजीकृत थी, लेकिन संवत 2028 में प्रशासन की मिलीभगत से पुजारियों ने इसे अपने नाम कर लिया.

जब दानदाताओं को उस जमीन के बारे में पता चला जो पुजारियों ने मंदिर की जमीन के लिए भू-माफियाओं से करवाया था, तो उन्होंने पुजारियों के पास जाकर इसका विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. तो दानदाता  अनुमंडल अधिकारी लक्ष्मणगढ़ लखन गुर्जर के पास गया और दावा प्रस्तुत किया, जिस पर खसरा संख्या 384 385 386 387 और 388 रामबास के तहत उपखंड अधिकारी लक्ष्मणगढ़, जो मंदिर की मूर्ति की पूजा में उपयोग किया जा रहा है. भूमि को यथास्थिति रखने के आदेश जारी कर दिए. साथ ही उन पर प्रतिबंध लगा दिया, दानदाताओं द्वारा उपमंडल अधिकारी गोविंदगढ़ को भूमि मंदिर के नाम पर रखने के लिए एक ज्ञापन सौंपा गया.

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लेकिन अब फिर से भूमाफियाओं द्वारा जमीन खरीदकर राजनीतिक दबाव बनाकर मंदिर की मूर्ति की जमीन अपने नाम कर निर्माण कार्य कराने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व में भी तहसीलदार गोविंदगढ़ द्वारा मंदिर की जमीन पर अलवर एडीएम को 1 संदर्भ प्रस्तुत किया गया था. एडीएम साहब के इस संदर्भ को खारिज करते हुए तहसीलदार गोविंदगढ़ को दोबारा रिमांड पर लिया गया. हाल ही में तहसीलदार गोविंदगढ़ ने इस जमीन के संबंध में एक बार फिर से एडीएम साहब को रेफर कर दिया है लेकिन राजनीतिक दबाव या किसी अन्य कारण से वापस कर दिया गया है. वर्तमान में उक्त भूमि के संबंध में उप समाहर्ता गोविन्दगढ़ पर मुकदमा चल रहा है एवं दानदाताओं द्वारा मंदिर की भूमि को मंदिर के अंतर्गत ही रखने की गुहार लगाई जा रही है. इसके साथ ही उपमंडल अधिकारी हेमराज गुर्जर को आज एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि मंदिर की भूमि को भू-माफिया से बचाते हुए, नाबालिग मूर्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की जाए.

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गांव के निवासियों द्वारा एक ज्ञापन दिया गया, जो न्यायालय में विचाराधीन है, मूर्ति मंदिर से संबंधित एक मामला है, जो माननीय न्यायालय में विचाराधीन है और नियमानुसार उसका निस्तारण कर दिया जायेगा. 

इस मामले में यहां पहुंचे शैलेंद्र कुमार गांव निवासी रामबास पिंच मंदिर के मामले में उपखंड अधिकारी, जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, देवस्थान विभाग को ज्ञापन देने पहुंचे हैं. क्या कारण है कि यह मंदिर जागीरदारी के समय मंदिर के लिए दिया गया था, उसके बाद मंदिर के पुजारी द्वारा मंदिर का समर्थन किया गया है.

जिसमें दो लोगों मोनू पुत्र घनश्याम और रोशन पुत्र धर्म सिंह ने दिया है और अब बेनामा पर एसडीएम के पास मामला चल रहा है, उनका स्टे चल रहा है. हमारा स्टे जारी रहना चाहिए, इसलिए हम यहां आए हैं. हमें आशंका है कि ये भू-माफिया पूरे जोश के साथ इस मंदिर पर कब्जा करना चाहते हैं, इसी डर से हम यहां इकट्ठे हुए हैं. मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है और कलेक्टर के नाम से हमारी इच्छा है कि मंदिर की जमीन मंदिर के नाम पर रहे और उस पर कोई अतिक्रमण और खरीद-फरोख्त न हो.

मंदिर की भूमि 2 बीघा 17 बिस्वा है, जो ऐसे ही रहना चाहिए, यह आस्था का प्रतीक है. मंदिर यह गोविंदगढ़ क्षेत्र की भावनाओं का पूर्ण सामंजस्य है, यहां लोग धर्म के मानने वाले हैं, मंदिर में आएं, यह मंदिर भूमि मंदिर के नाम पर रहे, इसलिए हम एकत्र हुए हैं.

श्योसिंह सैनी ग्राम रामबास का कहना है कि जिस भूमि पर विवाद है, यह जमीन हनुमान जी बाबा को मेरे बुजुर्गों ने गांववासियों ने काफी दिन लगभग 100 वर्ष पूर्व दान दिया था. हनुमान बाबा के नाम जमीन दान करने के बाद अब उन्होंने मंदिर के नाम पर जमीन का काम करवाया और अब ये लोग इस जमीन को बेचना चाहते हैं. इस पर विवाद हो सकता है, हम अनुरोध करते हैं कि वास्तव में न्याय होना चाहिए, यह भूमि हनुमान बाबा के नाम पर होनी चाहिए.

Reporter- Jugal Gandhi

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