सांचौर-शरद पूर्णिमा पर जम्भेश्वर मंदिर चिमड़ावास में खीर महोत्सव का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग
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सांचौर-शरद पूर्णिमा पर जम्भेश्वर मंदिर चिमड़ावास में खीर महोत्सव का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

Jalore News: सांचौर जिले के जम्भेश्वर मंदिर चिमड़ावास में चातुर्मास पूर्ण होने के उपलक्ष में श्री जंभेश्वर सेवा समिति के अंतर्गत द्वि मासिक अखंड यज्ञ और 11 कुंडी हवन यज्ञ के साथ साथ  शरद पूर्णिमा पर खीर महोत्सव का आयोजन किया गया है.

सांचौर-शरद पूर्णिमा पर जम्भेश्वर मंदिर चिमड़ावास में खीर महोत्सव का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

Jalore News: सांचौर जिले के जम्भेश्वर मंदिर चिमड़ावास में चातुर्मास पूर्ण होने के उपलक्ष में श्री जंभेश्वर सेवा समिति के अंतर्गत द्वि मासिक अखंड यज्ञ और 11 कुंडी हवन यज्ञ के साथ साथ  शरद पूर्णिमा पर खीर महोत्सव का आयोजन किया गया है. इसी के साथ इस अवसर पर संत स्वामी भागीरथदास आचार्य, संत अमरदास महाराज चिमड़ावास, स्वामी शिवस्वरूप महाराज और डॉ स्वामी सुदेवानंद आचार्य के पावन सानिध्य में यज्ञ को पूर्ण किया गया .

इसी के साथ सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया आचार्य स्वामी राजेश्वरानंद महाराज द्वारा कथा का वाचन किया गया. शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशाल खीर महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें डॉ स्वामी सदानंद महाराज के सानिध्य में खीर वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने खीर पान का लाभ लिया.

क्या है शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व

पूरानी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात में अमृत की वर्षा होती है, इसलिए लोग रात में चावल की खीर एक बर्तन में रखकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं और अगली सुबह स्नान कर इसे खाते हैं. यह भी मान्यता है कि इस खीर को चांदी के बर्तन में रखना चाहिए. ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, यह खीर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है.

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