राजपुरा में जमीनी विवाद को लेकर आत्महत्या करने वाले साधु रविनाथ के शव का दूसरे दिन शनिवार देर शाम को अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले साधुओं और समाजबंधुओं की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.
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Jalore: जिले के जसवंतपुरा क्षेत्र के राजपुरा में जमीनी विवाद को लेकर आत्महत्या करने वाले साधु रविनाथ के शव का दूसरे दिन शनिवार देर शाम को अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले साधुओं और समाजबंधुओं की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. दोपहर में पोस्टमार्टम की सहमति बन गई थी, लेकिन समाधि स्थल को लेकर सहमति नहीं बन पाई, बाद में शाम को अधिकारियों और साधुओं के बीच सहमति हुई, जिसके आधार पर आश्रम परिसर में समाधि दी गई. इस घटनाक्रम में भीनमाल विधायक समेत तीन के विरुद्ध मामला दर्ज होने के चलते कांग्रेस पार्टी भी संगठन स्तर से जांच कराएगी, इसके लिए तीन सदस्यीय दल बनाया गया है.
ग्रामीणों ने रखी थी तीन मांग
पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीणों ने तीन मांग रख दी थी, जिसे लेकर अंतिम संस्कार को लेकर मामला अटक गया. अधिकारियों की ओर से समझाइश करने के बाद आश्रम परिसर में करीब साढ़े छह बजे साधु रविनाथ को समाधि दी गई.
ये तीन मांगे रखी
साधु के शव का अंतिम संस्कार आश्रम के आगे की जमीन पर करने दिया जाए, प्रशासन ने कि उक्त जमीन भीनमाल विधायक की खातेदारी जमीन होने के चलते प्रशासन ने इस पर स्वीकृति नहीं दी.
ग्रामीणों ने मांग रखी कि आश्रम के पास गेर मुमकिन जमीन को आश्रम के नाम किया जाए, प्रशासन का कहना है कि यह सरकार स्तर का मामला है, उच्च स्तर से ही निर्णय हो पाएगा.
ग्रामीणों की मांग कि इस मामले में उकसाने का आरोप में भीनमाल विधायक के विरुद्ध मामला दर्ज है उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए, प्रशासन का कहना है कि विधायक के विरुद्ध मामला होने के कारण इसकी जांच सीआईडी सीबी कर रही है, तफ्तीश के बाद ही गिरफ्तारी हो सकेगी. स्थानीय पुलिस नहीं कर सकती लोगों ने सड़क जाम की.
इस कारण अंतिम संस्कार को लेकर लोग मौके पर जमा हो गए है. सड़क जाम कर प्रदर्शन किया जा रहा है. मौके पर जसवंतपुरा एसडीएम राजेन्द्र सिंह,एडीएम राजेन्द्र अग्रवाल व एएसपी डॉ. अनुकृति उज्जैनिया समेत बड़ी संख्या में पुलिस दल तैनात रहा.
रातभर लटका रहा था शव
शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना मिली थी राजपुरा के बाला हनुमान आश्रम के साधु रविदास का शव पेड़ से लटक रहा है. जिस पर पुलिस व प्रशासन मौके पर पहुंचा, लेकिन लोग इस बात को लेकर अड़ गए कि आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. शुक्रवार दिनभर साधु का शव पेड़ से लटका रहा. देर रात को भीनमाल विधायक पुराराम चौधरी, उनके चालक धनसिंह व एक अन्य बिजनाथ के विरुद्ध आईपीसी 306, के तहत मामला दर्ज होने पर पोस्टमार्टम को लेकर सहमति बनी. शनिवार सुबह पोस्टमार्टम हो गया, बाद में चली लंबी वार्ता के बाद शाम को अंतिम संस्कार हो पाया.
रास्ते को लेकर हुआ विवाद
दरअसल आश्रम के आगे भीनमाल विधायक पुराराम चौधरी की जमीन है, हाल ही में पूराराम चौधरी वहां आये और निर्माण के लिए वहां खुदाई करवाई, साधु रविनाथ ने उस दौरान मार्ग को लेकर आपत्ति जताई थी, जिस कारण आपस में बहसबाजी होने की जानकारी सामने आई है. उसके बाद दूसरे दिन साधु का निर्माण के लिए खुदाई की गई नींव के पास एक पेड़ से लटकता शव मिला, जिस कारण भक्तों व ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल बन गया कि विधायक की ओर से धमकी देने के बाद साधु आहत हो गए थे.
राजस्व मंत्री के नेतृत्व में बनाई टीम
इधर, भाजपा के विधायक से मामला जुड़ा होने के कारण कांग्रेस पार्टी ने भी राजस्व मंत्री के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल बनाया गया है. इसमें राजस्व मंत्री रामलाल जाट, जालोर प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया व जालोर प्रभारी भूराराम सीरवी को जांच दल में शामिल किया गया है. ये तीनों इस मामले की जांच कर पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे.
Reporter- Dungar Singh
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