अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. यशपाल भांबू ने अकादमिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला.
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Jhunjhunu: झुंझुनूं के श्री राधेश्याम आर मोरारका राजकीय पीजी महाविद्यालय में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सैल एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में रिसर्च एंड इनोवेशंस इन हायर एजुकेशन इन्स्टीट्यूशुंस नई शिक्षा नीति 2020 विषय पर राष्ट्रीय सिंपोजियम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि मलसीसर महाविद्यालय के प्राचार्य मनोज कुल्हार रहे.
अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. यशपाल भांबू ने अकादमिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला. राष्ट्रीय सिंपोजियम के मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. राजपाल बुडानिया ने बताया कि भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आधुनिक उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जानी आवश्यक है जिससे शोध एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जा सकें. इसके लिए सरकार द्वारा शिक्षा एवं शोध पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च किया जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि नवाचार के द्वारा ही देश में पुनः हरित क्रांति लाई जा सकती है, जिसका सीधा प्रभाव ग्रामीण आजीविका, शिक्षा व स्वास्थ्य पर होगा. इस अवसर पर वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा में आए बदलावों के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि वार्षिक परीक्षा प्रणाली स्थान पर क्रेडिट बेसड चोईस सिस्टम अपनाया जा रहा है. इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को ऐच्छिक आधार पर कोर्स चुनाव की स्वतंत्रता रहेगी.
Reporter-Sandeep Kedia
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