CM Ashok Gehlot News: सीएम अशोक गहलोत ने अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा कर दिया है. उन्होंने कहा कि वे जब भी राजनीति से संन्यास लेंगे तो उसके बाद एक ऐसा इंस्टिट्यूट खोलेंगे जिसमें लोगों को राजनीति की ट्रेनिंग दी जा सके.
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CM Ashok Gehlot Retirement Plan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना रिटायरमेंट प्लान को लेकर बड़ा खुलासा किया है. सीएम गहलोत क्या राजनीति से सचमुच संन्यास लेंगे. इस बीच राजनीतिक हलकों में यह भी सवाल उठने लगा कि क्या वाकई गहलोत राजनीति से रिटायरमेंट ले सकेंगे? सीएम अशोक गहलोत ने अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा कर दिया है. इसका खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि वे जब भी राजनीति से संन्यास लेंगे तो उसके बाद एक ऐसा इंस्टिट्यूट खोलेंगे जिसमें लोगों को राजनीति की ट्रेनिंग दी जा सके.
अपनी सरकार की चौथी सालगिरह के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो उनकी सरकार जनहित के काम कर रही है. गहलोत ने कहा कि वे सोचते हैं कि राजनीति से संन्यास लेने के बाद पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की तरह वह भी पॉलिटिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोल सकते हैं.
उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के सामने भी गहलोत के रिटायरमेंट प्लान को लेकर सवाल हुआ तो बे भी चुटकी लेने से बाज नहीं आए. सतीश पूनिया ने कहा कि भगवान ना करे कि ऐसा कोई दिन आए, जब किसी को अशोक गहलोत के इंस्टीट्यूट में राजनीति सीखनी पड़े. पूनिया ने कहा कि अगर गहलोत ने ऐसी कोई संस्थान खोली, तो वहां सिर्फ यही सीखा जा सकता है, कि झूठ कैसे बोला जाए और घोषणाएं करना कैसे सीखा जाए? पूनिया ने कहा कि इससे ज्यादा उनके संस्थान में कुछ नहीं सिखाया जा सकता.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कह तो दिया कि राजनीति से संन्यास लेने के बाद वे भी एक पॉलिटिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलने की संभावनाओं के बारे में सोचते हैं. लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या वाकई अशोक गहलोत कभी राजनीति से संन्यास लेंगे?
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यह सवाल इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि पिछले दिनों प्रदेश में राजनीतिक झंझावात के क्रम में जिस तरह अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचाई, उससे कई लोग उनकी राजनीतिक शैली और हुनर को लेकर चर्चा करते हैं कि इसे कैसे समझा जाए? कई उनका लोहा मांगते हैं तो कई का लोगों का कहना है कि अशोक गहलोत के दिमाग में 24 घंटे राजनीति चलती है.
उनके राजनीति से संन्यास को लेकर सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कांग्रेस पार्टी भी शायद ऐसा कभी ऐसा नहीं चाहेगी कि गहलोत राजनीति से संन्यास ले. पार्टी उनकी उपयोगिता मानती है इसलिए कांग्रेस चाहेगी कि उसे हमेशा गहलोत के राजनीतिक कौशल का फायदा मिलता रहे. संभवत यही कारण है कि पिछले दिनों राहुल गांधी और जयराम रमेश अलग-अलग समय पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी के लिए एसेट बता चुके हैं.