खेती में बागबानी और पशुपालन हैं आय वृद्धि के संसाधन, आत्मा योजना में दी गई जानकारी
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खेती में बागबानी और पशुपालन हैं आय वृद्धि के संसाधन, आत्मा योजना में दी गई जानकारी

प्रगतिशील किसान महेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि उनके कृषि फार्म पर 120 बीघा में सामूहिक बूंद-बूंद सिंचाई संयंत्र है, जिससे सिंचाई जल का कुशलतम उपयोग का फायदा हुआ. खेती के साथ-साथ पशुपालन में सोजत और हैदराबादी नस्ल के बकरीपालन को प्रमुखता से कर रहे हैं. 

प्रगतिशील किसान महेन्द्रसिंह भाटी के कृषि फार्म पर कृषि-उद्यानिकी और आत्मा में देय योजनाओं की जानकारी दी.

Jodhpur: जिले के बिलाड़ा विधानसभा में कृषि विभाग ने आत्मा कृषि योजना की जानकारी के उद्देश्य से ग्राम घोड़ावट में प्रगतिशील किसान महेन्द्रसिंह भाटी के कृषि फार्म पर कृषि-उद्यानिकी और आत्मा में देय योजनाओं की जानकारी दी.

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इस मौके पर उपस्थित किसानो को कृषि पर्यवेक्षक रफीक अहमद कुरैशी ने उद्यानिकी योजना में फव्वारा, बूंद बूंद सिंचाई पद्धति, प्याज भण्डारण, वर्मी कम्पोट इकाई, सामुदायिक जल संग्रहण ढाचां, नवीन बगीचा स्थापित और नवाचार खेती में खजूर की खेती इत्यादि देय योजना की जानकारी दी. उन्होंने विशेषकर मसाला फसल जीरा में जैविक खेती के अवययों. मसाला जीरा पकती हुई फसल में रासायनिक कीटनाशक से परहेज़ करने की बात कही. जैविक खेती से प्रत्येक फसल की मूल गुणवत्ता का लाभ भी होता है. जैविक खेती से जीरा निर्यात को बढ़ावा मिलता है. बागवानी खेती भी आय का साधन है.

वहीं पूर्व सहायक कृषि अधिकारी प्रकाशचन्द्र जैन, अशोक कुमारडोसी ने नीम आधारित और जैविक दवा बनाने की विधि, कम्पोस्ट खाद, गोबर की खाद की उपयोगिता, स्वयं का खेत का बीज उपयोग जिसमें विशेष हाईब्रिड किस्म के बीज को छोड़कर शेष सभी फसल के बीजों का उपयोग खेती में बुवाई करने पर विशेष रूप से किसानों का ध्यान देने के बारे में बताया. समय पर किसी फसल में पौधसंरक्षण के उपाय को महत्व देना खेती का महत्वपूर्ण बिन्दु है. उन्होंने बताया कि कीट का ईटीएल स्तर से अधिक हानि का ज्ञान रखना भी अहम है. समय पर पौधसंरक्षण के उपाय सदैव प्रभावी होते हैं. किसान कॉल सेंटर से किसान उन्नत कृषि तकनीकी की जानकारी भी ले सकते हैं. मौके पर फसल जीरा सरसों, चना, बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति, बकरी पालन का निरीक्षण भी करवाया.

क्या बोले प्रगतिशील किसान 
प्रगतिशील किसान महेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि उनके कृषि फार्म पर 120 बीघा में सामूहिक बूंद-बूंद सिंचाई संयंत्र है, जिससे सिंचाई जल का कुशलतम उपयोग का फायदा हुआ. खेती के साथ-साथ पशुपालन में सोजत और हैदराबादी नस्ल के बकरीपालन को प्रमुखता से कर रहे हैं. खेती आय के साथ पशुपालन से भी अच्छी आय का लाभ हो रहा है. कृषि-उद्यानिकी और आत्मा योजना में किसानो को कृषि फार्म का निरीक्षण किया, जिसमें कृषि-उद्यानिकी की उन्नत तकनीक की विस्तृत चर्चा हुई. इसमें जैविक खेती को लेकर उन्नत कृषि तकनीकी ज्ञान को साझा किया. यह सही है, आज आवश्यकता भी है. जैविक खेती के उन्नत तकनीक को अपनाना.

Reporter- Bhawani bhati

 

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