Jodhpur News: मंत्री झाबर सिंह खर्रा का जोधपुर दौरा, शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर कही बड़ी बात
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Jodhpur News: मंत्री झाबर सिंह खर्रा का जोधपुर दौरा, शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर कही बड़ी बात

Jodhpur News: जोधपुर नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री झाबर सिह खर्रा दो दिवसीय जोधपुर प्रवास पर देर शाम को जोधपुर सर्किट हाउस पहुंचे. जोधपुर के सर्किट हाउस में उन्होंने मीडिया से बात की.

Jodhpur News: मंत्री झाबर सिंह खर्रा का जोधपुर दौरा, शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर कही बड़ी बात

Jodhpur News: जोधपुर नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री झाबर सिह खर्रा दो दिवसीय जोधपुर प्रवास पर देर शाम को जोधपुर सर्किट हाउस पहुंचे. जोधपुर के सर्किट हाउस में उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जोधपुर आया हूं. सुबह जयपुर के लिए प्रस्थान करुंगा.

इसके साथ ही उन्होंने नए जिलों को रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने उनकी वित्तीय व्यवस्था के लिए सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया. एक नए जिले के निर्माण के लिए उसको पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए स्थाई संपत्तियों का सृजन करने के लिए न्यूनतम 75 से 100 करोड रुपए की आवश्यकता होती है.

हर महीने वेतन और दूसरे कामों पर जो खर्चा होगा. तीसरा इस मामले में एक तहसील का एक-एक जिला बना, जो किसी भी दृष्टि से व्यावहारिक नहीं था. मंत्रिमंडल यह उप समिति की यह राय थी उससे पहले भी जो समिति बनी थी सेवानिवृत्ति वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में उन्होंने भी मापदंड के अनुकूल नहीं बताया.

राज्य पर अनावश्यक भार डालना और जनता को उससे कोई राहत नहीं मिल रही थी. इसलिए राजस्थान सरकार ने जनहित में और राज्य के हित में जो अनावश्यक जिले थे, उनको खत्म किया है. जो जिले वास्तव में आवश्यक थे उनको यथावत रखा गया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि हमने कार्यालय स्थापित कर अधिकारी लगा दिए. उसके बाद जिले रद्द करने के उचित नहीं है.

इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने स्कूलों को छात्रावास को कार्यालय में बादल कर कार्यालय स्थापित करना नहीं होता. उनमें भी व्यवधान आ गया छात्रावास को कार्यालय में बदल दिया छात्रावास का तो उपयोग हुआ नहीं और कार्यालय हो गए संसाधन क्या दिए यह पूछना चाहता हूं और क्या राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक थी कि वह प्रत्येक जिले को 100 करोड़ वित्तीय भार सहन कर सके.

उन्होंने कहा कि दूदू और केकड़ी एक-एक तहसील के एक-एक जिले बना दिए, जो कि न्याय उचित नहीं थे. वहीं निगम के कब तक चुनाव होने हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें अभी हम सीमा विस्तार पर कार्य कर रहे हैं. सीमा विस्तार होने के बाद वार्डो का पुनर्गठन होगा. वार्ड का पुनर्गठन होने के बाद मतदाता सूचिया बनेगी और उसके बाद चुनाव के बारे में हम सोचेंगे.

इसके अलावा सब इंस्पेक्टर भर्ती के मामले में बोले की बात सही है. निर्णय नहीं किया गया क्योंकि इसको लेकर हाईकोर्ट में पहले से मामला विचाराधीन है. ऐसे में पहले वहा पर उचित पक्ष रखा जाएगा. मंत्री खर्रा ने तबादलों करने के मामले को लेकर कहा कि एक बात तो स्पष्ट है कि विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में शिक्षकों के तबादले बीच सत्र नही होंगे. इसके अलावा सरकार सोच रही है.

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