किसानों का ऐलान, चंबल का पानी नहीं आने तक चैन से नहीं बैठेंगे, ढिंढोरा गांव में हुई महापंचायत
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किसानों का ऐलान, चंबल का पानी नहीं आने तक चैन से नहीं बैठेंगे, ढिंढोरा गांव में हुई महापंचायत

भाजपा के कार्यसमिति सदस्य और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मा डागुर ने घोषणा की कि ईआरसीपी को 2024 से पहले राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया तो वे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का साथ नहीं देंगे. इस बात का कुछ अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी समर्थन किया है.

किसानों का ऐलान, चंबल का पानी नहीं आने तक चैन से नहीं बैठेंगे.

Hindaun :  पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति की ओर से रविवार को हिण्डौन के गांव ढिंढोरा में किसान महापंचायत हुई. इस महापंचायत में हजारों की संख्या में उपस्थित किसानों ने ऐलान करते हुए कहा कि चंबल का पानी नहीं आने तक चैन से नहीं बैठेंगे. किसानों ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए बडे संघर्ष का संकल्प लिया. महापंचायत की अध्यक्षता समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने की. महापंचायत में खास बात यह रही कि अब ईआरसीपी के लिए राजनीतिक दलों के पदाधिकारी पद छोड़ने की घोषणा करने लगे हैं.

भाजपा के कार्यसमिति सदस्य और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मा डागुर ने घोषणा की कि ईआरसीपी को 2024 से पहले राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया तो वे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का साथ नहीं देंगे. इस बात का कुछ अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी समर्थन किया है.

ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए जनजागरण अभियान
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति की ओर से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए जनजागरण अभियान चलाया गया है. इस अभियान में गांव-ढाणियों के किसानों को एकजुट कर महापंचायत की जा रही है. टोडाभीम के महस्वा-नांगल पहाडी स्थित कुठीला हनुमान मंदिर के मैदान में हुई महापंचायत के बाद गांव ढिंढोरा में हुई. इस महापंचायत में करौली, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर और जयपुर जिलों के प्रमुख किसान नेताओं ने भाग लिया. महापंचांयत को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा कि चंबल का पानी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में जब तक नहरों के माध्यम से नहीं लाया जाएगा, तब तक 13 जिलों के किसान चैन से नहीं बैठेंगे.

चंबल के पानी पर 13 जिलों के किसानों का पूरा हक
उन्होंने कहा कि चंबल के पानी पर 13 जिलों के किसानों का पूरा हक है. बारिश के समय चंबल से ओवरफ्लो होकर समुद्र में जाकर मिलने वाले पानी को ईआरसीपी के माध्यम से रोककर नहरों के जरिए 13 जिलों की धरा तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र के किसान मांग कर रहे हैं. इस मांग को केन्द्र सरकार को शीघ्र पूरा करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह 13 जिलों के निवासी लोगों के जीवन से बड़ा मामला है. पानी के अभाव में खेत बंजर होने लगे हैं और लोगों की जान जाने लगी है. ऐसे में सरकार को गंभीरता बरतकर शीघ्र ही ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर परियोजना का कार्य शुरू कराना चाहिए.

 चंबल का पानी लाने की लड़ाई
महापंचायत में जयपुर से आए रिटायर्ड आईएएस पीडी मीना ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के सभी 13 जिलों की इस मांग को लेकर लोग लामबंद होने लगे हैं. केन्द्र और राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर बजट नहीं होने का बहाना किसी भी सरकार को नहीं बनाना चाहिए. यह आमजन के जीवन से जुड़ा मुद्दा है. समिति की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष प्रभात देवी ने कहा कि महिलाओं को भी इस संघर्ष में आगे आकर चंबल का पानी लाने की लड़ाई लड़नी चाहिए. किसान संघर्ष समिति के संयोजक अमर सिंह नीमरोठ ने कहा कि चंबल के पानी के लिए गांव-गांव में किसान एकजुट होकर आगे आने लगे हैं. 

 समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने महापंचायत में सभी लोग इस बात का संकल्प लेकर जाएं कि वे ईआरसीपी के बारे में आसपडौस के लोगों को भी बताएं. उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में जनप्रतिनिधियों से आने पर हाथ जोड़कर यह पूछना चाहिए कि वे चंबल के पानी को लाने के लिए क्या कर रहे हैं. इसके बाद ही उन्हें गांव में प्रवेश करने देना चाहिए. समिति के प्रदेश प्रवक्ता गिरीश अलीपुरा ने कहा कि युवा वर्ग भी इस मुहिम में आगे आने लगे है.

इन नेताओं ने भी रखी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना की मांग
नहर क्षेत्र 36 गांव के अध्यक्ष कप्तान सिंह गुर्जर, शीतल प्रसाद शुक्ला, ब्राह्मण समाज चौबीसा के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास शर्मा, महेश खटाना कैमरी, पवन खटाना कैमरी, रतन लाल कोली सूरौठ, राधेश्याम जगरवाल, महेन्द्र चौधरी बरगमां, शिवराम बाईजट्ट, दिनेश जटनंगला, कवि हाकिम गुर्जर, डूंगर सिंह जाट, नारायण सिंह बाईजट्ट, विष्णु डागुर, परषोत्तम बंशीवाल, पूर्व प्रधान शिवराज मीना, बद्री पटेल, रामचरण खुरसटपुरा, जाट समाज के महामंत्री अमर सिंह बैनीवाल, भगत सिंह हुक्मीखेडा, शिवचरण गुर्जर बस्सी, रामनरेश गुर्जर, बत्तू मीना, हुकम सिंह कश्यप, कर्ण सिंह राजौरा, छोटे लाल अलीपुरा, श्याम सुन्दर सैनी, महेश सैनी, मुकेश डीलर, राजेश गुर्जर, शिवचरण गुर्जर, अंकुर सिंह डागुर, धर्मराज जांगिड़, कैप्टन मुकट सिंह, हरी गुर्जर बनकी, गोवर्धन गुर्जर, पिन्की गुर्जर, महेश जोशी, कामराज डागुर, रत्ती डागुर, साहब सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए.

अगली महापंचायत नादौती के कैमरी और जयपुर के बस्सी में
ढिंढोरा गांव की महापंचायत में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष भामाशाह रामनिवास मीना ने घोषणा की कि समिति की ओर से अब तीसरी किसान महापंचायत नादौती के कैमरी गांव में आयोजित होगी. इससे पहले 10 जून को चांदनगांव आ रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी ज्ञापन सौंपकर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने का आग्रह किया जाएगा. इसके बाद 18 जून को जयपुर के बस्सी में किसान महापंचायत होगी. प्रदेशाध्यक्ष मीना ने बताया कि दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चंबल के पानी से भरे कलश सौंपकर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए आग्रह किया जाएगा.

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भाजपा नेता ने कहा-मांग नहीं हुई पूरी तो नहीं दूंगा पार्टी का साथ
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने की मुहिम अब जोर पकडने लगी है. इसमें राजनीतिक दलों के लोग भी आगे आकर समर्थन करने लगे हैं. गांव ढिंढोरा में हुई महापंचायत में भाजपा की कार्यसमिति के प्रदेश सदस्य धर्मा डागुर भी शामिल हुए. जिन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी के नेता होने से पहले किसान के बेटे हैं. इस कारण 2024 से पहले ईआरसीपी को केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया तो वे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में कार्य नहीं करेंगे। महापंचायत में यह मांग भी उठी कि अन्य राजनीतिक दलों से जुडे किसान नेताओं को भी अब आगे आकर संघर्ष का एलान करना चाहिए.

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