करौली: पांचना बांध पर एक बार फिर किसानों की महापंचायत, 12 जनवरी तक जारी रहेगा पड़ाव
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करौली: पांचना बांध पर एक बार फिर किसानों की महापंचायत, 12 जनवरी तक जारी रहेगा पड़ाव

Karauli News: पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़ने को लेकर एक बार फिर इलाके के किसानों की पंचायत शुक्रवार को आयोजित की गई. पंचायत में किसानों ने पहले पांचना बांध क्षेत्र के 39 गावों को पानी उपलब्ध कराने, नदी तट और बहाव क्षेत्र में बसे 360 गावों के किसानों को पानी देने, चंबल का पानी पांचना बांध में लाने और गुडला पांचना लिफ्ट परियोजना को पूरा करने की मांग की है.

करौली: पांचना बांध पर एक बार फिर किसानों की महापंचायत, 12 जनवरी तक जारी रहेगा पड़ाव

Karauli News: पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़ने को लेकर एक बार फिर इलाके के किसानों की पंचायत शुक्रवार को आयोजित की गई. पंचायत में किसानों ने पहले पांचना बांध क्षेत्र के 39 गावों को पानी उपलब्ध कराने, नदी तट और बहाव क्षेत्र में बसे 360 गावों के किसानों को पानी देने, चंबल का पानी पांचना बांध में लाने और गुडला पांचना लिफ्ट परियोजना को पूरा करने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने तक बांध पर चल रहा 39 गावों का पड़ाव 12 जनवरी तक जारी रखने का निर्णय किया है.

पूर्व में 1 जनवरी को बांध पर महापंचायत का आयोजन होना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से दो दिन पूर्व आयोजन किया गया. साथ ही क्षेत्र के किसानों से आवश्यकता पड़ने पर कम से कम समय में बांध पर पहुंचने का आह्वान किया है. आगामी दिनों के लिए क्षेत्र के 39 गांव के किसानों की ड्यूटी लगाई गई और पड़ाव में ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निरीक्षण और निगरानी पर जोर दिया गया. पंचायत में किसानों ने मुख्यमंत्री द्वारा पांचना के पानी को लेकर दिए बयान पर भी वक्ताओं ने रोष व्यक्त किया है.

गौरतलब है कि 10 दिसम्बर को गुड़ला गांव के देवनारायण मंदिर पर गुड़ला-पांचना संघर्ष समिति और आस-पास के 39 गावों के अलावा नदी किनारे बसे गांवों के किसानों की बैठक हुई थी, जिसमें किसानों ने पांचना बांध से उन्हें पानी देने की मांग की है. इसके बाद से आस-पास के गांवों के किसान बांध पर पड़ाव डाले हुए है. पंचायत में वक्ताओं ने पहले पांचना बांध के किनारे बसे गांवों को पानी देने, फिर नदी किनारे और बहाव क्षेत्र के किसानों को पानी देने की मांग की है. साथ ही क्षेत्र के किसानों की मांग पूरी नहीं होने तक पांचना बांध से पानी निकासी नहीं होने देने का भी निर्णय लिया है. 

उल्लेखनीय है कि कमांड एरिया के किसानों की ओर से वर्ष  2020 में ग्रामोत्थान संस्था द्वारा लगाई गई. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने आठ दिसम्बर को आदेश जारी किया है, जिसमें तीन सप्ताह में पांचना का पानी नहरों में खोलने के आदेश दिए हैं. आदेश के बाद क्षेत्र के किसानों ने पांचना बांध पर पड़ाव शुरू कर दिया. मामले को लेकर कुछ दिन पूर्व पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बांध का निरीक्षण किया और क्षेत्र के किसानों से चर्चा की थी, लेकिन वार्ता असफल रही.

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संयोजक अशोक सिंह धाबाई ने कहा कि 17 साल से पंचायत करते आ रहे हैं और बांध का निर्माण भरतपुर को बाढ़ से बचाने के लिए हुआ था. बांध से नहर बनाने के लिए बहाव क्षेत्र का सर्वे हुआ, लेकिन बाद में बहाव क्षेत्र को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में नहर बना दी गई, जिसे कमांड क्षेत्र कहा जाता है. वक्ताओं ने कहा कि वह किसी का पानी नहीं रोकना चाहते. पहले चंबल से पानी ले आओ और फिर उसके बाद किसी को भी पानी दो, जिनका पानी रोका बांध के पानी पर पहला हक उनका बनता है. बांध से पहले आस-पास के 39 गांव, फिर नदी तट और बहाव क्षेत्र के 360 गांव का हक बनता है. पानी नहीं मिलने तक संघर्ष और अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

Reporter: Ashish Chaturvedi

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