Kota: धरने पर बैठे ताकली बांध परियोजना में विस्तापित 7 गांव के निवासी, जानिए क्या हैं मागें
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Kota: धरने पर बैठे ताकली बांध परियोजना में विस्तापित 7 गांव के निवासी, जानिए क्या हैं मागें

Kota News: राजस्थान में कोटा जिले के ताक़ली बांध परियोजना में विस्तापित 7 गांव के निवासी गुरूवार को इकट्ठे होकर ताकली बांध पर पहुचंकर 9 सूत्रीय मांगों की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए, जिसके बाद देर रात तक ग्रामीण धरने पर डटे रहे. सूचना पर एसडीएम अनिल कुमार सिंगल और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश की गई.

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Kota News: जिले के ताक़ली बांध परियोजना में विस्तापित 7 गांव के निवासी गुरूवार को इकट्ठे होकर ताकली बांध पर पहुचंकर 9 सूत्रीय मांगों की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए, जिसके बाद देर रात तक ग्रामीण धरने पर डटे रहे. सूचना पर एसडीएम अनिल कुमार सिंगल और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश की गई परंतु ग्रामीणों ने लिखित में मांगे और मंत्री दिलावर को मौके पर बुलाने की मांग लो लेकर धरने पर बैठे रहे.

ग्रामीणों की मांग है की हमे मूलभूत सुविधाओं की मांगों को लेकर पिछले 1 वर्ष से तहसील स्तर से जिला स्तर पर कई धरने दिए साथ ही कई बार अधिकारियों एवं राजस्थान सरकार में कार्यरत विधायक और मंत्री को प्रार्थना पत्र ज्ञापन देकर हमारी समस्याओं के समाधान के लिए रोड जाम, धरना प्रदर्शन, विधान सभा चुनाव बहिष्कार एवं तीन दिवसीय आमरण अंशन (भूख हड़ताल) के बाद भी हमारी मांगें पूरी नहीं की जा रही है, जिसके चलते 7 गांवों के ग्रामवासियों ताकली बान्ध पहुंचे और मांगें पूरी नहीं होने पर जल समाधि कर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.

ग्रामीण दीपेंद्र सिंह बताया कि ताबलीबान्ध परियोजना के अन्तर्गत 7 गांव के युवा जिनको भूमि आवंटित अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी द्वारा भूखण्ड 30×60 का प्लाट आवंटित किया था. उन सभी को 1 लाख 91 हजार 375 रुपए की अनुगृह राशि स्वीकृत की थी जो आज तक नही दी गई है. जल संसाधन विभाग द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें बैठक के बिन्दू सं. 4 में सभी डूब क्षेत्र के प्रभावी व्यक्तियो को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये आस्वस्थ किया था, लेकिन किन्तु अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. 7 गांवों में पिछले 3 वर्ष से विभाग द्वारा पानी के टेंकर भिजवाकर पानी की व्यवस्था की जा रही है. जिससे की गावों में आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते सरकार के ऊपर वित्तिय भार भी पड़ रहा है. वहीं, ग्रामीणों कि जरूरत भी पूरी नहीं हो रही है. इसलिए 7 गांवों को ताकलीबान्ध से पानी उपलब्ध करवाया जाए. 

उन्होंने बताया कि 2020 में युवा 18 वर्ष की आयु के हो चुके थे. उन सभी को खाली पड़े प्लाट आवंटित किये जाने का आदेश दिया जाए. रूघनाथपुरा गांव जो आंशिक रूप से छोड दिया गया था. वर्तमान में उनके घरों में आस-पास पानी भरा हुआ है, जिससे उनके घरों में जहरीले जीव जन्तु घरों में घुस रहे हैं. इसलिए उस गांव को जल्द ही दूसरी जगह स्थपित किया जाए. डूब क्षेत्र में विस्थापित किसान जिनकी जमीन बची हुई है, उनके खेतों में आने जाने के लिये दुडकली गाव के खाल में पुलिया का निर्माण किया जाए. 

ताकलीबान्ध में छूटे हुये कुऐ, नल. खेत का मुआवजा दिया जाए और अनुगृह राशि दी जाए, जिनके माता पिता की मृत्यु हो चुकी है. उनके वारिसों को भी अनुगृह राशि दिए जाने के आदेश दिए जाए.ग्रामवासियों के आस पास की जितनी भी जमीनें हैं, उन सब जमीनों पर दबंगों द्वारा चारागह भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. उन सारी जमीनों का सर्वे करवाकर उनको मुक्त करवाये जाने का आदेश दिया जाए. बेरोजगार युवाओं को जैसे रिको प्लान्ट का कार्य शुरू होता है तो सबसे पहले ताकलीबान्ध में जो ग्राम डूब क्षेत्र में आये हैं, वहा के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया जाए. जब तक हमारी मांगें पूरी नही होती हैं तब तक हमारा धरना जारी रहेगा.

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