Nagaur News: पुरे भारत में अलग ही पहचान रखती है मेड़ता सिटी की कृषि उपज मंडी, जानिए वजह
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1656713

Nagaur News: पुरे भारत में अलग ही पहचान रखती है मेड़ता सिटी की कृषि उपज मंडी, जानिए वजह

जीरे के बढ़ते भावों के चलते 4 अप्रैल से 15 अप्रैल तक 2 लाख 17 हजार 512 क्विंटल जीरा मंडी पहुंचा जबकि मार्च माह में 1 लाख 47 हजार 728 क्विंटल जीरे की आवक हुई. मंडी पहुंच रहे किसानों के आगे मंडी परिसर का 50 बीघा क्षेत्रफल भी अब छोटा लगने लगा है. मंडी में माल सुरक्षा एवं किसानों की सुविधाओं के चलते स्थानीय किसानों सहित दूर - दराज के किसान भी अपना रुख मेड़ता मंडी की ओर करने लगे हैं. 

Nagaur News: पुरे भारत में अलग ही पहचान रखती है मेड़ता सिटी की कृषि उपज मंडी, जानिए वजह

Nagaur News: जिले के मेड़ता की धार्मिक नगरी ना केवल भक्त शिरोमणि मीराबाई की कृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति के चलते देश दुनिया में पहचानी जा रही है बल्कि मेड़ता की कृषि उपज मंडी जीरे और मूंग की गुणवत्ता के चलते देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने लगी है. मेड़ता मंडी में प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में अपनी फसल लेकर पहुंच रहे किसानों के लिए जहां एक और जीरा " सोने पर सुहागा " साबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर मेड़ता को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाले मार्गों पर 15 किलोमीटर लंबा जाम भी लगने लगा है. मंडी पंहुच रहे किसानों ने इस बार माना कि उन्होंने अपनी जिंदगी में फसलों की इतनी आवक और भीड़ कभी नहीं देखी जीरा , ईसबगोल , रायडा , सौंफ, सिंधी सुआ, चना एवं अन्य जींसों से भरे वाहनों की कतारों का नजारा देखते ही बनता है. 

जीरे के बढ़ते भावों के चलते 4 अप्रैल से 15 अप्रैल तक 2 लाख 17 हजार 512 क्विंटल जीरा मंडी पहुंचा जबकि मार्च माह में 1 लाख 47 हजार 728 क्विंटल जीरे की आवक हुई .मेड़ता के मृदुभाषी व्यापारियों और कर्मठ धरतीपुत्र के बीच आपसी संबंध और विश्वास के चलते मंडी पहुंच रहे किसानों के आगे मंडी परिसर का 50 बीघा क्षेत्रफल भी अब छोटा लगने लगा है. मंडी में माल सुरक्षा एवं किसानों की सुविधाओं के चलते स्थानीय किसानों सहित दूर - दराज के किसान भी अपना रुख मेड़ता मंडी की ओर करने लगे हैं. 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा जीरा उत्पादक देश होने से मेड़ता मंडी का जीरा चाइना, बांग्लादेश ,नेपाल, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, अमेरिका , दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, सिंगापुर सहित कई अरब कंट्रीज में एक्सपोर्ट होता है. देश में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी मंडी की कतार में खड़ी मेड़ता मंडी में प्रतिदिन 75000 क्विंटल से फसलों की खरीद का लगभग एक से सवा करोड़ का कारोबार होना क्षेत्र के किसानों लिए शुभ संकेत है. इस बार जीरे के भाव में पिछले वर्ष की तुलना में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है जिसके चलते पिछले 40 सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए जीरा 51000/- प्रति क्विंटल तक छलांग लगा चुका है या यूं कहें कि वर्षों से मारवाड़ में चली आ रही प्रचलित कहावत " जीरो जीव रो बेरी रे मत बाईजो परणिया जीरो " को झूठा साबित करते हुए जीरा किसानों के लिए " सोने पर सुहागा " साबित हो रहा है. 

ये भी पढ़ें- Rajasthan Weather Update : राजस्थान में बारिश का येलो अलर्ट, 20 से ज्यादा जिले होंगे प्रभावित

यह माना जा रहा है कि जीरा और मूंग ने मेड़ता मंडी को देश विदेश में पहचान दिलाने अपनी अहम भूमिका निभाई है. दूर- दराज से आने वाले व्यापारी मेड़ता क्षेत्र के जीरे को उत्तम क्वालिटी का जीरा बताते हुए इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में करने की बात बताते हैं. किसानो का मंडी के प्रति विश्वास और व्यापारियों की अनाज बोली में पारदर्शिता मेड़ता मंडी की पहचान बन गई.

Trending news