नागौर न्यूज: नागौर में EWS आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर SDM को ज्ञापन सौंपा गया.
Trending Photos
Ladnun,Nagaur: आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर श्र क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के तत्वावधान में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी लाडनूं को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में EWS आरक्षण से जुड़ी विसंगतियों का जिक्र किया गया.
लाडनूं उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढ़वाल को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग को आरक्षण देने हेतु प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए इस से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने की मांग की गई. केंद्र में आर्थिक पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की पात्रता हेतु आय के साथ संपत्ति की शर्तों को भी शामिल किया गया है, क्योंकि भारत विविधताओं का देश है संपूर्ण भारत की भूमि एक सी उर्वरक उत्पादक नहीं है.
इसके अलावा संपत्ति की कीमतों में भी भारी अंतर है. गुजरात राजस्थान सहित अन्य राज्यों ने राज्य की परिस्थितियों के अनुसार संपत्ति की शर्तों को हटाकर मात्र 8 लाख वार्षिक आय को ही मापदंड माना है. पूरे देश में एक नियम की बजाय राज्य द्वारा तय नियमों से बने प्रमाण पत्र को केंद्र में भी मान्यता दी जाए. जिससे प्रार्थी को अलग-अलग प्रमाण पत्र न बनाने पड़े व शर्ते भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हो.
इस मांग की पुष्टि के लिए पिछले वित्त वर्ष में केंद्र व राज्य में बने ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्रों के आंकड़े सलंग्न किये गए. जिससे साफ है कि राज्य व केंद्र में बने प्रमाण पत्रों का अनुपात 70-30 है। साथ ही केंद्र में अधिकतम आयु सीमा न्यूनतम प्राप्तांक फीस आदि में अन्य वर्गों को मिले आरक्षण की तरह छूट दी जाए. ज्ञापन में प्रमाण पत्र की वैधता 1 वर्ष की अपेक्षा 3 वर्ष करने की मांग हुई.
SDM को सौंपे गए ज्ञापन दौरान चेतन सिंह राजपुरा , गोरधन सिंह डाबड़ी, राजेन्द्र सिंह धोलिया, गोविन्द सिंह कसुम्बी, रविन्द्र सिंह दुजार, रविन्द्र सिंह मेडतिया, दिलिप सिंह साण्ड़ास, भगवती प्रसाद शर्मा, मनिष शर्मा, लादू सिंह धूडीला, गुलाब सिंह शेखावत, अर्जुन सिंह बाकलिया आदि उपस्थित रहे.
ये भी पढ़ें- RBSE Result 2023 : मई में इस दिन आ रहा है, आरबीएसई 8वीं, 10वीं 12वीं का रिजल्ट Latest Updates
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में हुई IAS परी बिश्नोई की सगाई, दादी और मां ने किया डांस, फोटो वायरल
यह भी पढ़ेंः इस महिला IPS की मां करती थी मजदूरी, खुद 21 साल की उम्र में बनीं ऑफिसर