पाली न्यूज: विदेशी सॉफ्टवेयर के जरिए एक बार में कई टिकट बुक करने के मामले में पुलिस ने दलाल को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई है.
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Pali: भारतीय रेलवे की रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (रेलवे सुरक्षा बल) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे दलाल को गिरफ्तार किया जो विदेशी सॉफ्टवेयर के जरिए एक बार में कई टिकट बुक कर देता है.ये पहला मामला राजस्थान का है जिसमें विदेशी सॉफ्टवेयर से रेलवे को चुना लगाया जा रहा था.
रेलवे सुरक्षा बल अजमेर मंडल, आरपीएफ पोस्ट मारवाड़ और ब्यावर की संयुक्त टीम द्वारा बर कस्बे में कार्रवाई कर रेलवे की फर्जी आईडी बनाने वाले दलाल को गिरफ्तार किया है. आरोपी के खिलाफ 143 रेलवे एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
कार्रवाई करने वाली टीम में रेलवे सुरक्षा बल मंडल अजमेर के एएसआई राकेश कुमार, मारवाड़ पोस्ट प्रभारी मदनलाल और ब्यावर पोस्ट के एसआई नरेश कुमार शामिल थे. जानकारी के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल की स्पेशल टीम को पिछले काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि बिराटीया खुर्द निवासी हाल बर 47 वर्षीय तेजाराम सिरवी लंबे समय से रेलवे की फर्जी आईडी संचलित कर टिकट बना रहा है.
जिस पर रेलवे की टीम ने कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इसी बीच आरोपी का घनिष्ठ मित्र व जनप्रतिनिधि आरपीएफ के अधिकारियों के पास पहुंचा और अपने आप को सीएम अशोक गहलोत का खास आदमी बताते हुए उन पर दबाव बनाया औ आरोपी को छोड़ने की बात की. लेकिन आरपीएफ ने उस की एक नहीं सुनी ओर दो टूक जबाब देकर वहां से रवाना किया.
आरपीएफ के अनुसार रेलवे साइबर सेल की टीम ऐसी आईडी और संदिग्ध आईपी एड्रेस पर नजर रखती है. साइबर सेल की जांच में सामने आया कि एक ही स्थान पर करीब 12 से 13 आईडी संचलित हो रही है और वहां से लगातार टिकट भी बनाए जा रहे हैं. जिस पर एक टीम का गठन किया गया और कार्रवाई के निर्देश दिए गए. टीम का एक कर्मचारी बोगस ग्राहक बन कर दलाल तेजाराम सिरवी से संपर्क किया तो वह टिकट बनाने को तैयार हो गया. आरोपी ने प्रति टिकट 200 रुपए अतिरिक्त दलाली के लेकर टिकट बनाए. टिकट बनाते ही टीम ने आरोपी तेजाराम को गिरफ्तार किया गया.
विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद से बनते टिकट
टीम में शामिल आरपीएफ के एक सदस्य ने बताया कि आरोपी तेजाराम सिरवी खुद ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है लेकिन उसके संपर्क प्रदेश के बाहर के लोगों से हैं. जो रेलवे टिकट कोविड-एक्स, एएनएमएसबीएसीके और ब्लैक टाइगर जैसे नाम के सॉफ्टवेयर से टिकट बुक करती थी. इन सॉफ्टवेयर का कोरोना से कोई संबंध नहीं है, यह नाम सिर्फ दूसरों को गुमराह करने के लिए है. यह सॉफ्टवेयर डार्क नेट से खरीदे जाते हैं जो कि विदेश से खरीद होती हैं.
ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट पर उपलब्ध करवाता था टिकट
सबसे खास बात यह है कि आरोपी इस पूरे गौरखधंधे को अपने मोबाइल से संचलित कर रहा था. आरोपी टिकट बना कर यात्रियों को ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट पर ही उपलब्ध करवाता था. इस कारण आरपीएफ ने आरोपी का मोबाइल भी बरामद किया है. फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी गई है.
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