Gajendra Singh Shekhawat : सास-बहू के झगड़े में पड़ोसी का नाम घसीटकर इज्जत बचा रहे गहलोत, वसुंधरा राजे ने कब कहां, कैसे सरकार बचाने में मदद की बताएं गहलोत - शेखावत
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Gajendra Singh Shekhawat : प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी सात-आठ महीने का समय है लेकिन सियासत के बिगड़े बोल शुरू हो गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह के खिलाफ पैसे के दम पर सरकार गिराने के आरोप दोहराए, तो सोमवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि सास-बहू के झगड़े में पड़ोसी का नाम घसीटकर अपने घर की इज्जत नहीं बचाई जाती. शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सरकार बचाने में साथ देने के सीएम के बयान पर कहा कि राजनीतिक हितों, अपनी ही पार्टी के विरोधियों के दमन के लिए गहलोत कीचड़ उछाल रहे हैं.
बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया के सवालों पर खुलकर जवाब दिए. शेखावत से सीएम गहलोत के सरकार बचाने में कैलाश मेघवाल व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम लेने के सवाल पर कहा कि वसुधंरा राजे बीजेपी की वरिष्ठ नेता हैं. दो बार सीएम रही, दो बार प्रदेश अध्यक्ष रही, उनके लिए गैर जिम्मेदराना बयान केवल राजनीतिक हित और अपने ही दल के विराेधियों को मैसेज देने के लिए इस तरह का बयान दिया है. शेखावत ने कहा कि गहलोत खुलासे के साथ यह बात कहें कि कब कहां किस तरह से उनका सहयाग किया गया, केवल राजनीतिक हितों और अपने विरोधियों का दमन करने के लिए दूसरेां पर कीचड़ उछालने की परम्परा राजस्थान में नहीं रही. सीएम को यह शोभा नहीं देता है.
गहलोत सरकार की गिराने में भूमिका के सवाल पर शेखावत ने कहा कि सास बहू के झगड़े में पड़ोसी का नाम घसीटकर अपने घर की इज्जत बचाना सही नहीं है. उन्होंने आरोप लगाए कि करोडों रुपए दिए हैं, मोबाइल छीन लिए, बाउंसर बिठा दिए और मुकदमा दर्ज किए. इसके बाद उनके साथ बैठकर कॉपी पी रहे थे. एक आरोपी को तो मंत्री बना दिया. फिर भी मैं कहता हूं कि अभी आपके पास मौका है आप कार्रवाई करें.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर कहा कि ऐसा पहली बार नहीं जब मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए , लेकिन इस बार उन्होंने बहुत आगे बढ़कर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने पैसे लिए हैं वह वापस लौटा दें और यदि किसी ने खर्च कर दिया तो मैं दे दूंगा या एआईसीसी से दिलवा दूंगा. इसका मतलब तो साफ है कि कांग्रेस विधायकों के पास पैसा आया है. इसका सबूत तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. शेखावत ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं के अनुरूप पहले तो पैसा लेने वाला दोषी और दूसरा यदि जानते हुए भी किसी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार किया है , उसका सबूत आपके पास है तो आप की जिम्मेदारी बनती है कि उसकी जानकारी पुलिस को दी जाए . ये मामला और ज्यादा गंभीर बन जाता है जब आप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भी हैं , तो आप की नैतिक जिम्मेदारी थी आप उस पर कार्रवाई करते. सबूत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करता है तो इसका मतलब आप भी इस मामले में लिप्त हैं. आईपीसी की धारा 120 बी तथा भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ भी अपराध बनता है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर पैसों की दम पर विधायकों की खरीद परोख़्त करने के आरोपों पर शेखवात ने कहा कि सीएम गहलोत ने जो आरोप केंद्रीय गृह मंत्री पर लागाये हैं उस पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए ऊपरी स्तर पर मंथन चल रहा है. किस तरह से विधि और कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है उसको लेकर वरिष्ठ नेता विचार कर रहे हैं, उस पर निर्णय करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. शेखावत ने कहा कि राहत शिविर के नाम पर पॉलिटिकल भाषण देकर जनता को गुमराह करने का कितना भी प्रयास मुख्यमंत्री क्यों ना कर ले , लेकिन चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हाशिए पर जनता छोड़ेगी.
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