प्रतपगढ़ न्यूज: प्रदेश के नए बांसवाड़ा संभाग की कमान को डॉ नीरज के पवन ने प्रतापगढ़ से संभाला लिया है. विवाद और लोकप्रियता से इनका पुराना नाता रहा है.
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Pratapgarh: सात अगस्त सोमवार देर रात आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की तबादला सूची में नए-नए जिलों और संभागों में प्रशासनिक तंत्र को शुरू करके मजबूती देने के लिए अधिकारी इधर-उधर किए गए. नवगठित बांसवाड़ा संभाग को संभागीय आयुक्त के लिए डॉ. नीरज के पवन बतौर बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त लगाया गया है.
प्रदेश के सबसे छोटे संभाग के पहले संभागी आयुक्त के रूप में डॉ नीरज के पवन ने प्रतापगढ़ में अपना पदभार ग्रहण किया. बांसवाड़ा के संभागी आयुक्त ने बांसवाड़ा पंहुचने से पहले ही रास्ते में प्रतापगढ़ पंहुच कर सर्किट हॉउस में अपना पदभार संभाला और फिर प्रतापगढ़ कलेक्टर डॉ इंद्रजीत यादव, एसपी अमित कुमार और डीएफओ हरिकिशन सारस्वत से मुलाकात की और जानकारी ली. डॉ नीरज के पवन कई बार विवादों में भी रह चुके है. डॉ नीरज के पवन सबसे अधिक लोकप्रिय कलेक्टर की श्रेणी में रहे है. कई बार उनके ट्रांसफर होने पर लोगों द्वारा कई जिलों में प्रदर्शन भी किया गया है.
प्रदेश का सबसे छोटा संभाग है बांसवाड़ा
आपको बता दें कि बांसवाड़ा संभाग प्रदेश का सबसे छोटा संभाग है. जिसमें 3 जिले शामिल है डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़. बांसवाड़ा संभाग 25 तहसीलों और 1005 ग्राम पंचायतों को मिलकर बना है. जिसमें कि 11 विधानसभा क्षेत्र शामिल है. अगर बात करें आबादी की तो 2011 की जनगणना के लिहाज से 40 लाख 56 हजार 268 है.
बातचीत के दौरान डॉ नीरज ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग की जो गाइडलाइन है उसके अनुरूप पुरे संभाग के तीनों जिलों में गतिविधियां की जाएगी. तीनों जिलों में चुनाव के दौरान लाइन ऑर्डर और सभी प्रकार के कामों को प्राथमिकता के साथ किया जाएगा.
डॉ. नीरज के पवन इससे पहले बांसवाड़ा संभाग के डूंगरपुर के जिला कलेक्टर रह चुके हैं. ऐसे में आदिवासी बहुल नवगठित बांसवाड़ा संभाग को वे भलीभाँति जानते है. ऐसे संभागीय आयुक्त बनने पर उन्हें उनका पुराना अनुभव मदद करेगा.
हाल ही में शासन सचिव आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा पदोन्नति विभाग में नियुक्त थे. नीरज के पवन अंडर ट्रेनी मसूरी में 2003 में रहने के बाद 2004 में असिस्टेंट कलेक्टर पाली में उन्हें पहली पोस्टिंग मिली इसके बाद निंबाड़ा और भरतपुर में बतौर एसडीएम कार्य किया और कलेक्टर के रूप पहली पोस्टिंग डूंगरपुर में 2007 में हुई.
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