यहां सूर्य देव सबसे पहले करते है नरसिंह भगवान के दर्शन, देखें ये दृश्य
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यहां सूर्य देव सबसे पहले करते है नरसिंह भगवान के दर्शन, देखें ये दृश्य

कस्बे के प्रसिद्ध मंदिर में नरसिंह भगवान का जन्मोत्सव को नरसिंह भगवान का श्रृंगार कर महाआरती के साथ मनाया गया. पुजारी श्याम सुंदर ने बताया कि मंदिर में अखंड रामायण के पाठ आयोजन कर रात में 551 दीपक जलाकर मंदिर रोशनी की गई.

नरसिंह भगवान.

Khandela: कस्बे के प्रसिद्ध मंदिर में नरसिंह भगवान का जन्मोत्सव को नरसिंह भगवान का श्रृंगार कर महाआरती के साथ मनाया गया. पुजारी श्याम सुंदर ने बताया कि मंदिर में अखंड रामायण के पाठ आयोजन कर रात में 551 दीपक जलाकर मंदिर रोशनी की गई. वहीं, नरसिंह भगवान को चंदन का श्रृंगार कर महाआरती के साथ जन्मोत्सव मनाया गया. 

नरसिंह भगवान की मूर्ति सम्मत 1,439 में श्री नरसिंह चतुर्दशी को सवा पहर दिन चढ़े जमीन से निकली थी. भगवान के भक्त चाढ़ जी ने अपनी हवेली में विराजमान करा कर पूजन करवाया. 

5 साल में मंदिर बनकर तैयार होने पर वैशाख चोदस को विधि-विधान से पूजा अर्चना कर नरसिंह महाराज की मूर्ति मंदिर में विराजमान करवाई, जहां मूर्ति निकली उस जगह चाढ़ जी ने तालाब की नींव रखी, जो चारोंड़ा धाम के नाम से प्रसिद्ध है. 

वहीं, भगवान के भक्त चाढ़ जी के वंशज खंडेलवाल वैश्य चौधरियों के नाम से प्रसिद्ध है. मंदिर की रचना करने वाले चतुर शिल्पकारों ने मंदिर की ऊंचाई इतनी की है कि दक्षिणायन और उत्तरायण के दिन उगते हुए सूर्य देव की किरणे नरसिंह भगवान के मुखारविंद को सुशोभित करती हैं. 

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