Khatu Shyam Ji: आज हम आपको महाभारत के उस योद्धा की कहानी बताने जा रहे हैं, जो आज कलियुग में भगवान बन चुका है. इस योद्धा की पूजा देश ही नहीं विदेशों तक में हो रही है. चारों तरफ बस ही इसकी पूजा हो रही है.
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Khatu Shyam Ji: राजस्थान के सीकर जिले की खाटू नगरी में बाबा श्याम का भव्य मंदिर है, जहां आज कलियुग में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं. बाबा के मंदिर में साल के 365 दिन आपको भारी भीड़ देखने को मिलेगी. बाबा की कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है. बाबा एक महान योद्धा थे, जो आज कलियुग में भगवान बन गए हैं.
कहते हैं कि खाटू श्याम के दराबर में जो भी हारा हुआ इंसान जाता है, उसकी बाबा हर इच्छा पूरी करते हैं. बाबा का असली नाम बर्बरीक है. बर्बरीक वह योद्धा था, जो हमेशा हारे हुए का साथ देता था. कहा जाता है कि जब बर्बरीक महाभारत के युद्ध के लिए जा रहे होते हैं, तो उनको रास्ते में एक साधु मिलता है, ये साधु और कोई नहीं बल्कि भगवान श्रीकृष्ण होते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण को पता होता है कि अगर बर्बरीक युद्ध लड़ा तो इसका परिणाम कुछ और ही होगा. इसके चलते भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से शीश दान में मांग लिया. भगवान श्रीकृष्ण के कहते ही बर्बरीक ने शीश दान में दे दिया और युद्ध देखने की अपनी आखरी इच्छा जताई. इसके बाद उन्होंने पहाड़ी से पूरा युद्धा देखा.
इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने उनका शीश रूपवती नदी में बहा दिया और कलियुग में श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान बर्बरीक को दिया. वहीं, कलियुग की शुरुआत में बर्बरीक का शीश खाटू नगरी में दफन मिला, जहां आज श्याम कुंड बना हुआ है.
कहते हैं कि जहां बर्बरीक का शीश दबा हुआ था, वहां एक गाय के थनों से अपने आप दूध बहने लगता था, जिसके चलते वहां की जमीन खोदी गई, तो वहां बर्बरीक का शीश मिला, जिसके बाद वहां के राजा ने उनके शीश को स्थापित करके विधि-विधान से पूजा की. इसके बाद समय के साथ बाबा के मंदिर को भव्य रूप दे दिया गया. आज केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बाबा का डंका बज रहा है.