Fatehpur: फतेहपुर के श्री सदन में हुआ भागवत कथा का आयोजन, निस्वार्थ भाव से नारायण की भक्ति करने से प्रभु प्रसन्न होते है- सुरेश चंद्र शास्त्री
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Fatehpur: फतेहपुर के श्री सदन में हुआ भागवत कथा का आयोजन, निस्वार्थ भाव से नारायण की भक्ति करने से प्रभु प्रसन्न होते है- सुरेश चंद्र शास्त्री

Fatehpur: राजस्थान के सीकर के फतेहपुर के श्री सदन में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथावाचक ने व्यासपीठ से भगवान श्री हरि की लीलाओं का वर्णन किया है. 

भागवत कथा का आयोजन

Fatehpur: राजस्थान के सीकर के फतेहपुर के श्री सदन में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथावाचक ने व्यासपीठ से भगवान श्री हरि की लीलाओं का वर्णन किया है. निस्वार्थ और समर्पित भाव के साथ भगवान नारायण का स्मरण कर ध्यान करने से भगवान श्री हरि प्रसन्न होते है. आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आयोजन समिति की ओर से जानकी वल्लभ मंदिर महंत गोपेशाचार्य महाराज का दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया गया.

सीकर के फतेहपुर के श्री सदन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथा वाचक सुरेश चंद्र शास्त्री ने व्यास पीठ से कहा कि श्री हरि का निस्वार्थ और समर्पित भावों के साथ स्मरण कर ध्यान करने पर ही नारायण प्रसन्न होते है. कथा के दौरान व्यास पीठ से सुरेश चन्द्र शास्त्री ने श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं के प्रंसग पर बोलते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं में अनेक प्रकार के सारों का समावेश छुपा हुआ है. 

श्री कृष्ण की लीला में रास करना नृत्य सहित अनेक लीलाओं की विस्तार से व्याख्या की गई. कमला देवी सुनिता देवी की ओर से कथा का आयोजन करवाया जा रहा है. इस मौके पर कथा वाचक ने उद्व, गोपीसंवाद सहित रुकमणी के विवाह के प्रसंगों पर विस्तार से व्याख्या की. आयोजित कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें श्रोताओं ने भक्ति भाव की रस गंगा में गोते लगाए. 

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इस अवसर पर जानकी वल्भ मंदिर के महंत गोपेशाचार्य महाराज, ओमप्रकाश चोटिया, विनोद सिंह सीकर, महेश कुमार चोटिया, ओमप्रकाश बियांला, अनिल जागिड़, राजकुमार मिश्रा, शिव कुमार लोहिया, पूर्व पार्षद सावरमल काछवाल, प्रेम प्रकाश छकडा, विजय कुमार देवडा, सुरेश कुमार शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु और प्रबुद्धजन उपस्थित थे. आयोजन समिति की ओर से महंत गोपेशाचार्य महाराज का दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया गया, जबकि आयोजन समिति की ओर से कथा वाचक सुरेश चन्द्र शास्त्री को साफा बांध कर सम्मानित किया गया.

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