NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान से गहरा नाता
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NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान से गहरा नाता

देश के सर्वोच्च राष्ट्पति पद के लिए NDA की उम्मीदवार आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मूर्मू अचानक सुर्खियों में आ गयी है. मुर्मू का देश और दुनिया में अध्यात्म का अलख जगा रही प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी आध्यात्मिक संस्थान से गहरा जुड़ाव है.

द्रोपदी मूर्मू

Sirohi: देश के सर्वोच्च राष्ट्पति पद के लिए NDA की उम्मीदवार आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मूर्मू अचानक सुर्खियों में आ गयी है. मुर्मू का देश और दुनिया में अध्यात्म का अलख जगा रही प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी आध्यात्मिक संस्थान से गहरा जुड़ाव है.

राष्ट्रपति पद के लिए NDA की कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान से गहरा नाता है. यह बहुत कम लोग जानते हैं. वह एक दो बार नहीं, बल्कि कई बार राजस्थान के सिरोही जिले में माउंट आबू और आबूरोड आ चुकी हैं. अध्यात्म में गहरी रुचि ही मुर्मू को यहां खींच लाई. करीब 13 साल पहले वह माउंट आबू के ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़ीं. बेटे की मौत के बाद इस संस्थान से उनका रिश्ता और गहरा हो गया. डिप्रेशन दूर करने के लिए यहां राजयोग सीखा था.

चुनाव हारीं, बेटा खोया तो अध्यात्म ने दिया सहारा
मुर्मू ओडिशा में संथाल आदिवासी समाज से आती हैं. उनका पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहा है. साल 2000 में उन्हें विधायक का टिकट मिला, जनता ने उन्हें जिताया भी, वह मंत्री बनीं. 2009 में वे चुनाव हार गईं और अपने गांव लौट आईं. इसी बीच, एक हादसे में उनके बेटे की मौत हो गई. वे डिप्रेशन में चली गईं. ब्रह्मकुमारी संस्थान के बीके करुणा के अनुसार इसके बाद मुर्मू 2009 में संस्थान से जुड़ीं और राजयोग सीखा.

वे अकसर राजस्थान के माउंट आबू में अध्यात्म की शिक्षा लेने आती रहीं. इसी की बदौलत वे सदमे से बाहर आ पाई थीं. साल 2013 में उनके दूसरे बेटे की भी दुर्घटना में मौत हो गई. 2014 में उन्होंने पति को भी खो दिया. इसके बाद भी वे सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहीं तो इसके पीछे उनका अध्यात्म से गहरा जुड़ाव ही मुख्य कारण रहा. 2009 से मुर्मू संस्थान से जुड़ी और उन्होंने ब्रम्हाकुमारी बहनों ने उन्हें राजयोग मैडिटेशन सिखाया था. मुर्मू की अध्यात्म और मैडिटेशन में बहुत रुचि है.

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वे आध्यात्मिक ज्ञान और मैडिटेशन के लिए राज्यपाल रहते दो बार और उसके पहले भी काफी बार ब्रह्माकुमारीज संसथान के राजस्थान माउंट आबू स्थित मुख्यालय में आती रही है. इसके अलावा जब उन्हें मौका मिलता है वो देश के अलग अलग राज्यों में फैले संस्थान के सेंटर्स में लगातार जाती है और मैडिटेशन और ध्यान में भी हिस्सा लेती है.

मुर्मू का कहना है की राजयोग मैडिटेशन और संस्था के ज्ञान ने उनकी जीवन में सकारातमक परिवर्तन लाने में उनकी बहुत मदद की है मुर्मू ने कई कार्यकर्मो में कार्यकर्मो में आध्यात्मिकता के ज़रिये विश्व परिवर्तन के संस्थान के प्रयासों की कई बार खुले मन से प्रशंसा की है मुर्मू के राष्ट्रपति पद की उम्मींदवार बन ने से संस्था के मुख्यालय और सदस्यों में उत्साह का माहोल है.

Reporter- Saket Goyal

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