Anupgarh News: अनूपगढ़ के घड़साना मंडी में किसानों का महापड़ाव, पानी की मांग पर विरोध प्रदर्शन
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Anupgarh News: अनूपगढ़ के घड़साना मंडी में किसानों का महापड़ाव, पानी की मांग पर विरोध प्रदर्शन

Sri Ganganagar:   अनूपगढ़ जिले की घड़साना मंडी में किसानों ने पानी की मांग को लेकर उपखंड कार्यालय के बाहर महापड़ाव शुरू कर दिया है. पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए बैरिकेट्स लगाए और पुलिस जाब्ता तैनात किया. किसानों की मांग है कि अक्टूबर में सरसों और चने की फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई पानी उपलब्ध कराया जाए.

Anupgarh News: अनूपगढ़ के घड़साना मंडी में किसानों का महापड़ाव, पानी की मांग पर विरोध प्रदर्शन

Anupgarh News:  अनूपगढ़ जिले की घड़साना मंडी में एक बार फिर से किसानों ने पानी की मांग को लेकर उपखंड कार्यालय के बाहर महापड़ाव शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने भी किसानों के महापड़ाव को देखते हुए उपखंड कार्यालय के बाहर बैरिकेट्स लगा दिये और सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाई रखने के लिए पुलिस जाब्ता भी तैनात कर दिया. किसान नेता श्योपत मेघवाल ने बताया कि किसानों की मांग है कि अक्टूबर महीने में सरसों और चने की फसल का बिजान किया जाना है मगर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई पानी नहीं मिलने के कारण दोनों फसलों का बिजान प्रभावित होगा.

किसानों ने प्रशासन से इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण किसानों के लिए चार में से दो समूह में सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर आज से घडसाना में आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान नेता राजू जाट ने बताया कि इसके अलावा किसानों की मांग है कि सरकार मूंग की फसल की सरकारी खरीद शिखर शुरू करें और सरकार 2021- 2022 में खरीदी गई सरसो का भुगतान तुरन्त प्रभाव से करें.

आंदोलन के अग्रणी किसान नेता सत्य प्रकाश सिहाग ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में सिंचाई विभाग द्वारा जो रेगुलेशन जारी किया गया है. उस रेगुलेशन के आधार पर सरसों की बिजाई नहीं हो सकती सिंचाई विभाग को इसमें आंशिक संशोधन कर किसानों के हित में फैसला लेना चाहिए.

किसान नेता श्योपत मेघवाल ने बताया कि मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ द्वारा जो रेगुलेशन जारी किया गया है उसमें से चार बारियां 3 में से एक समूह में देने का फैसला लिया गया है जबकि अक्टूबर माह में सिंचाई पानी चार में से दो समूह में दिया जाए जिससे पूरी फसल का पकाव अच्छी तरह हो सके. अन्यथा फसल का पकाव नहीं हो पाएगा. उन्होंने बताया कि किसान अतिरिक्त पानी की मांग नहीं करते परंतु सिंचाई विभाग मनमानी तरीके से रेगुलेशन जारी कर रहा है. यदि रेगुलेशन को सही तरीके से जारी किया जाए तो किसानों को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता भी नहीं होगी. यदि सरकार द्वारा रेगुलेशन में संशोधन नहीं किया जाता तो किसान उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा.

किसान नेता राजू जाट ने बताया कि क्षेत्र में मूंग की काफी आवक है फिर भी उसकी सरकारी खरीद चालू नहीं की गई जिस कारण किसानों को 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल कम कीमत पर अपनी फसल व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि वही दूसरी ओर 2021-2022 मैं किसानों ने अपनी सरसों की फसल सरकार को बेची थी जिसका अभी तक किसानों को भुगतान नहीं मिला. किसानों ने मांग की है कि मूंग की सरकारी खरीद शुरू हो और किसानों की सरसों का बकाया भुगतान तुरंत किसानों को दिया जाए इस दौरान धरने पर किसान नेताओं के साथ सैकड़ो की संख्या में किसान मौजूद रहे.

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