Anupgarh News: हरियाणा के सिरसा में रहने वाले शंकरलाल और अनूपगढ़ की सुमन दोनों पति-पत्नी 8 सालों से अनूपगढ़ के अपर जिला न्यायाधीश संख्या 1 कोर्ट में तलाक लेने के लिए मुकदमा लड़ रहे थे, लेकिन शनिवार को कोर्ट में पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहना साथ रहने की कसम भी खाई.
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Anupgarh, Sri Ganganagar : हरियाणा के सिरसा में रहने वाले शंकरलाल पुत्र मदनलाल और अनूपगढ़ की सुमन पुत्री लीलाधर छिंपा दोनों पति-पत्नी 8 सालों से अनूपगढ़ के अपर जिला न्यायाधीश संख्या 1 कोर्ट में तलाक लेने के लिए मुकदमा लड़ रहे थे, मगर इस बीच अपर जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट बुलाकी दास व्यास, अधिवक्तागणों और सामाजिक लोगों के द्वारा समझाइश कर आज दोनों को एक साथ रहने के लिए सहमत कर लिया गया है.
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शनिवार को कोर्ट में पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहना कर एक-दूसरे के साथ रहने की कसम भी खाई. इस अवसर पर अपर जिला मजिस्ट्रेट बुलाकीदास व्यास अधिवक्ता दिनेश रांकावत,परमानंद गौड़ और सुरेंद्र चालिया ने दंपति के उज्जवल भविष्य की कामना की है. एडवोकेट दिनेश रांकावत ने बताया कि इन दोनों के दो बच्चे हैं और अब बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित है.
यह था पूरा मामला
लड़की पक्ष के अधिवक्ता दिनेश रांकावत ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 दिसंबर 2008 को सुमन की शादी सिरसा निवासी शंकरलाल से हुई थी. शादी के बाद दोनों के श्याम सुंदर और रेखा नाम की औलाद हैं. शादी के 5 साल बाद पति के शराब पीने के कारण पति-पत्नी में आपसी मनमुटाव हो गया.आपसी मनमुटाव होने के कारण सुमन के पति शंकरलाल ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर सुमन को घर से निकाल दिया. घर से निकाले जाने के बाद सुमन अपने पीहर अनूपगढ़ आ गई. मायके आने के बाद सामाजिक लोगों के द्वारा पति पत्नी में समझौता करवाने का प्रयास किया गया मगर सामाजिक लोग इस प्रयास में सफल नहीं हो पाए. काफी पंचायतों के बाद पति-पत्नी में विवाद और अधिक बढ़ गया. लड़की के माता-पिता और लड़की की तरफ से अनूपगढ़ पुलिस थाने में 2014 में दहेज के लिए उत्पीड़ित करने का मामला दर्ज करवाया गया.
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लड़की पक्ष की ओर से विभिन्न न्यायालयों में भरण पोषण और तलाक के लिए भी आवेदन किया गया. एडवोकेट रांकावत ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद बच्चों की कम उम्र को देखते हुए अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1 बुलाकीदास व्यास, एडवोकेट दिनेश रांकावत, एडवोकेट परमानंद गौड़, एडवोकेट सुरेंद्र चालिया और विभिन्न समाज के लोगों के द्वारा पति पत्नी में समझाइश के प्रयास शुरू किए गए. काफी प्रयास करने के बाद लगभग 8 वर्षों बाद शनिवार को पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहने के लिए सहमत हो गए. एडवोकेट दिनेश रांकावत ने बताया कि आज राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों का राजीनामा करवाते हुए समस्त मुकदमों का निस्तारण किया गया है.
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राष्ट्रीय लोक अदालत में पति-पत्नी एक दूसरे को माला पहना कर एक साथ रहने के लिए सहमत हुएमइस अवसर पर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बुलाकीदास व्यास ने दंपति को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखद जीवन की कामना की है. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बुलाकीदास व्यास ने राष्ट्रीय लोक अदालत में कहा कि पति पत्नी को छोटे-छोटे मुद्दों पर कोर्ट में नहीं पहुंचना चाहिए, घर बैठकर ही मामलों को सुलझाना चाहिए. ग्राम न्याय अधिकारी गुरजोत सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत में कहा कि पति पत्नी मिलकर ही एक घर को परिवार बनाते हैं इसलिए पति पत्नी को हमेशा आपसे समझ के साथ रहना चाहिए.
Reporter- Kuldeep Goyal