यूरिया पर कृषि विभाग ने दी सफाई, किल्लत की स्वीकार, कहा- समय पर नहीं हुई स्पलाई तो हो सकती है फसल बर्बाद
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यूरिया पर कृषि विभाग ने दी सफाई, किल्लत की स्वीकार, कहा- समय पर नहीं हुई स्पलाई तो हो सकती है फसल बर्बाद

Tonk News: टोंक जिले में यूरिया की किल्लत ने  कृषि विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है.  जिसके कारण वह साफतौर पर यूरिया की कमी को सवीकार करते हुए नजर आ रहे है.

यूरिया पर कृषि विभाग ने दी सफाई, किल्लत की स्वीकार, कहा- समय पर नहीं हुई स्पलाई तो हो सकती है फसल बर्बाद

Tonk News: टोंक जिले में यूरिया की किल्लत ने  कृषि विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है. एक ओर किसान यूरिया की कमी से परेशान है तो दूसरी ओर सूबे के कई मंत्री और विधायक प्रदेश सरकार को यूरिया के मुद्दे पर  घेर रहे है.  वहीं अब कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी सूबे के कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है.  टोंक के कृषि उपनिदेशक ने साफगोई से यूरिया की किल्लत स्वीकार कर कहा  है कि अगले 15 दिन में  सप्लाई  नहीं हुई तो यह फसल भी यूरिया के अभाव में चौपट हो जाएगी .

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टोंक जिले में गांव से लेकर शहर तक खाद के लिए किसान परेशान हो रहे है. सुबह से लेकर वह देर रात तक कतारों में लग कर यूरिया खाद के कट्टों की जुगाड़ कर रहे है. लेकिन लाख कोशिशों के बाद किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. किसानों की माने तो कृषि विभाग के उपनिदेशक और खाद डीलरों की एक छोटी सी लापरवाही की वजह से टोंक जिले के किसान खाद के लिए परेशान हो रहे है.

इस बारें में किसानों ने बताया कि सालों पहले जब यूरिया की सप्लाई के लिए पॉश मशीनों का उपयोग अनिवार्य हुआ. तब टोंक जिले के ककोड़ में संचालित एक खाद डीलर ने अपनी पोश मशीन से 4200 मेटट्रिक टन यूरिया के स्टॉक को आज तक शून्य नहीं किया ना ही विभाग के अधिकारियों ने इस छोटी सी घोर लापरवाही पर गौर कर कोई कार्रवाई की. ऊपर से पिछले 15 दिनों में खाद वितरण के लिए तीन बार अलग अलग आदेश जारी कर दिए. पहले जहां राशन कार्ड पर खाद के कट्टे किसानों को दिए जा रहे थे तो उसके बाद आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया. उसके बाद अब जमाबंदी की अनिवार्यता से किसान पटवारियों और ईमित्रों के चक्कर काट कर जहां जेब पर अतिरिक्त भार झेल रहा है. 

वहीं खाद की क्राइसिस से हद से ज्यादा परेशान हो गया.शहर सहित गांवों में खाद डीलरों और सहकारी समितियों के बाहर लगी यह धरतीपुत्रों की कतारें.खाद के उन कट्टों के लिए है जिससे उनकी गेहूं और सरसों की फसल में नया जीवन मिलेगा..साथ ही फसलों में जान आने के बाद उनके सूखे हलक और पथराई आंखों से पानी की कुछ बूंद गिर पाएगी.

किसान महापंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने जहां जी राजस्थान से बातचीत करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों पर लारवाही और अनदेखी के गम्भीर आरोप लगाए है..वहीं नित नए जारी किए जा रहे आदेशों को भी गलत ठहराया है...साथ ही पॉश मशीन में हो रही गड़बड़ पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से कृषि उपनिदेशक को तुरंत प्रभाव से निलम्बित करने की मांग उठाई है.वहीं कहा है कि अगर अगले एक दो दिन में पर्याप्त खाद नहीं मिलेगा तो यह फसल भी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी.जिससे किसानों के पास आत्महत्या के सिवाय कुछ नही बचेगा.

वहीं कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीना ने जी राजस्थान न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि हम लगातार यूरिया की क्राइसिस को खत्म करने के प्रयास कर रहे है..और जो पॉश मशीन का मामला है  वो दिल्ली के कृषि विभाग से दूर हो सकती है.इसके लिए हम लगातार प्रयास कर ररहे है..जो खाद के वितरण के लिए अलग अलग आदेश निकाले जा रहे है..किसानों की भीड खत्म करने के लिए है..कई किसान एक बार खरीद कर दूसरी बार भीड़ में शामिल हो रहे है..इस भीड़तंत्र को खत्म करने के प्रयास कर रहे है..

Reporter: Purshottam Joshi

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