बिजली विभाग में निजीकरण के विरोध में उतरे कार्मिक, धरना देकर किया प्रदर्शन
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बिजली विभाग में निजीकरण के विरोध में उतरे कार्मिक, धरना देकर किया प्रदर्शन

बिजली विभाग में हो रहे निजीकरण को रोकने सहित कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के लेकर डूंगरपुर जिले में बिजली विभाग के कार्मिकों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा.

कार्यालय के बाहर धरना देकर किया प्रदर्शन

Dungarpur: बिजली विभाग में हो रहे निजीकरण को रोकने सहित कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के लेकर डूंगरपुर जिले में बिजली विभाग के कार्मिकों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा.

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के जिला अध्यक्ष मनीष अग्रवाल के नेतृत्व में बिजली विभाग के कार्मिक आज शहर में अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि बिजली निगम में ठेका प्रथा और किए जा रहे निजीकरण के चलते बिजली महंगी हो रही है. वहीं निगम का घाटा भी बढ़ रहा है. उपभोक्ताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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इस मौके पर बिजली विभाग के कार्मिकों ने एफआरटी, 33 और 11 केवी जीएसएस, मीटर निरीक्षण आदि कार्यों के ठेकों पर रोक लगाने, निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर आईएएस अधिकारी लगाने, 1996 से 2019 के बीच नियुक्त सहायकों को नियमानुसार लिपिक बनाने, विभिन्न पदों पर वर्षों से काम कर रहे कार्मिकों को पदोन्नत करने, और वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित विभिन्न मांगे सरकार के सामने रखी है. संघ के अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि सरकार कार्मिकों की मांगों का समाधान नहीं करती है तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन के साथ विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा.

निगम प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से ठेके देकर विद्युत विभाग का जो निजीकरण (privatization) किया जा रहा है. उसके संबंध में ज्ञापन दिया है. वहीं निगम में प्रबंध निदेशक पद पर आईएएस (IAS) लगाया जाने चाहिए ये भारतीय मजदुर संघ की मुख्य मांग है. निजीकरण के रूप में बहुत सारे ठेके हुए है. वही एफआरटी के नाम से जो ठेके दिए है उसका प्रतिमाह का बिल डूंगरपुर वृत्त का 60 लाख रुपये बनता है और पिछले महीने सिर्फ 100 शिकायतों का निस्तारण किया गया है.

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इसके हिसाब से निगम को एक उपभोक्ता की शिकायत 60 हजार की पड़ती है. इसके बावजूद निगम प्रशासन एफआरटी एमबीसी और अन्य फ्रेंचाईजी के नाम से विद्युत विभाग का निजीकरण कर रहा है. हमने प्रथम चरण में आज धरना-प्रदर्शन किया. वहीं दूसरे चरण में 21 जनवरी को अजमेर डिसकोम मुख्यालय (Ajmer Discom Headquarters) पर प्रदर्शन किया जाएगा. वही इसके बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो तीसरे चरण में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
Report- Akhilesh Sharma 

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