नई दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा है कि सरकार कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए हुर्रियत से भी बात करने के लिए तैयार थी, लेकिन उन्होंने अपने दरवाजे बंद कर लिए. राज्यसभा में कश्मीर मामले पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ये बात कही. उन्होंने कहा, हुर्रियत ही बात नहीं करना चाहती थी. ऐसे में सरकार क्या करती. उन्होंने कहा, 'एक धारणा बनी हुई थी कि बीजेपी के लोग हुर्रियत से बात नहीं करना चाहते हैं. इस कारण एक ठहराव की स्थिति बनी हुई थी. इसलिए हम ऑल पार्टी डेलिगेशन पर तैयार हुए. जब ये ऑल पार्टी डेलिगेशन गया तो हुर्रियत ने अपने दरवाजे बंद कर लिए.'
राज्यसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, अगर उस समय उन लोगों ने बात कर ली होती, तो कोई न कोई रास्ता जरूर निकलता. उस समय की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मैंने कहा, अगर वह हमसे बात करना चाहते हैं तो हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं. हमारा दरवाजा बिना किसी शर्त के खुला हुआ है.
केन्द्र को कश्मीर में आम चुनावों के साथ चुनाव कराने में कोई आपत्ति नहीं : राजनाथ
जम्मू कश्मीर में पिछले साढ़े चार साल में स्थिति बहुत बिगड़ जाने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने को लेकर प्रतिबद्ध है तथा उसे राज्य में आम चुनावों के साथ चुनाव करवाने में कोई आपत्ति नहीं है.
सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा बल मांगे जाने पर पर्याप्त सुरक्षा कर्मी मुहैया कराये जाएंगे. उन्होंने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सांविधिक संकल्प पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही. उनके जवाब के बाद उच्च सदन ने इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है.