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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया और हिंसा को अंजाम दिया. किसान लाल किले तक पहुंच गए और उसके प्राचीर पर अपना धार्मिक झंडा फहरा दिया. किसानों की हिंसक रैली के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का बयान आया है और उन्होंने कहा कि किसानों को प्लान बनाकर फंसाया गया है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर आरोप लगाते हुए कहा, 'हिंसा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामी है. किसानों को प्लान बनाकर चक्रव्यूह में फंसाया गया है.'
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को लेकर कहा, 'कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) अभी भी जारी रहेगा.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कानूनों को लेकर सरकार बातचीत करेगी तो हम बातचीत करेंगे.
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बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल किले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल किले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर में भी तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल किला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले 63 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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