अंग्रेजी, हिंदी को अनिवार्य बनाने से जुड़े दक्षिण रेलवे के सर्कुलर पर विवाद
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अंग्रेजी, हिंदी को अनिवार्य बनाने से जुड़े दक्षिण रेलवे के सर्कुलर पर विवाद

विपक्ष ने इसे हिन्दी भाषा को ‘थोपने’ का एक और प्रयास बताते हुए इसकी निंदा की.

 (फाइल फोटो साभार - फेसबुक Southern Railway)

चेन्नई: रेलवे के मंडलीय नियंत्रण अधिकारियों एवं स्टेशन मास्टरों के बीच संवाद की भाषा के तौर पर अंग्रेजी एवं हिन्दी को अनिवार्य बनाने से संबंधी दक्षिण रेलवे के सर्कुलर को लेकर शुक्रवार तमिलनाडु में विवाद पनप गया.

बहरहाल अधिकारियों के समक्ष डीएमके के आपत्ति जताने के बाद इसे वापस ले लिया गया. विपक्ष ने इसे हिन्दी भाषा को ‘थोपने’ का एक और प्रयास बताते हुए इसकी निंदा की.

मई में जारी यह सर्कुलर शुक्रवार को मीडिया में प्रकाशित हुआ. कुछ दिन पहले ही मदुरै जिले में दो स्टेशन मास्टरों के बीच कथित भाषाई मुद्दे की वजह से दो ट्रेनें एक ही पटरी पर चलने लगी थीं. घटना के कारण तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.

इसे ‘अहंकार’ से भरा कदम बताते हुए डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि यह सर्कुलर हिन्दी भाषा को लागू करने और स्थानीय भाषा को खत्म करने का एक प्रयास है.

स्टालिन ने फेसबुक पर तमिल में पोस्ट किया,‘वे लगातार तमिलों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं... अगर इस तरह के घटिया आदेशों को तत्काल रोका नहीं जाता है तो हम उन पर पूरी तरह रोक लगा देंगे.’

डीएमके प्रमुख के निर्देशों पर पार्टी सांसद दयानिधि मारन ने दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक राहुल जैन और मुख्य संचालन प्रबंधक एस अनंतरामन को इस सर्कुलर के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. अधिकारियों ने उन्हें इस सर्कुलर को ‘‘तत्काल प्रभाव’’ से वापस लिये जाने का आश्वासन दिया.

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