भारतीय छात्रों (Indian Students) की यूक्रेन (Ukraine) में सुरक्षा पर रूसी राजदूत (Russian Ambassador) ने चुप्पी तोड़ी है. रूसी राजदूत ने बताया कि उनकी सेना भारतीयों की हर संभव मदद करेगी.
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नई दिल्ली: भारत (India) में रूस के राजदूत रोमान बाबुश्किन ने कहा है कि भारतीय छात्रों (Indian Students) को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने के लिए रूस के अधिकारी लगातार भारतीय अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं और रूसी सेना (Russian Army) हर संभव मदद कर रही है. बाबुश्किन ने यूक्रेन पर भारतीय छात्रों को परेशान करने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन (Ukraine) में सैनिक विदेशी छात्रों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.
बाबुश्किन (Roman Babushkin) ने ज़ी मीडिया को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि भारतीय छात्र की मौत अत्यंत दुखद है और रूसी सरकार (Russian Government) दुख की घड़ी में परिवार के साथ है. छात्र के मरने की घटना की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में भारतीय छात्र (Indian Student) की मृत्यु हुई. हम नागरिकों को निशाना नहीं बना रहे हैं इसलिए हमारी सेना की आगे बढ़ने की रफ्तार बहुत धीमी है.
रूसी सैनिकों (Russian Soldiers) को सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी नागरिक को नुकसान न पहुंचाया जाए. लेकिन यूक्रेनी लड़ाके विदेशी छात्रों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. बाबुश्किन ने कहा कि पश्चिमी मीडिया द्वारा बहुत ज्यादा फेक न्यूज (Fake News) फैलाई जा रही है. आरोप लगाया गया कि रूसी सैनिकों ने एक न्यूक्लियर स्टेशन (Nuclear Station) को तबाह किया है जो कि पूरी तरह गलत है.
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स्टेशन में यूक्रेनी लड़ाके (Ukrainian Fighters) जमा थे और उन्होंने रूसी सेना पर हमला किया. रूसी सैनिकों (Russian Soldiers) की जवाबी कार्रवाई के बाद वो स्टेशन से भाग गए लेकिन जाते समय एक रिएक्टर में आग लगा दी. न्यूक्लियर स्टेशन पूरी तरह सुरक्षित है. रूसी सेना ने टीवी टावर (TV Tower) पर हमला किया था लेकिन उसकी चेतावनी पहले ही दे दी गई थी ताकि लोगों की जान न जाए.
बाबुश्किन ने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत पुतिन (Vladimir Putin) के कार्रवाई के आदेश के बाद नहीं हुई बल्कि 8 साल पहले हुई थी जब पश्चिमी देशों के सहयोग से एक विद्रोह के जरिए चुनी हुई सरकार को हटा दिया गया. रूस विरोधी नव नाजी सरकार (Anti-Russian Neo-Nazi Government) ने डोनबास में हजारों रूसियों की हत्या की लेकिन पश्चिम ने अनदेखा किया. रूस को अपनी सुरक्षा की गारंटी चाहिए क्योंकि नाटो (NATO) अब पूर्व की तरफ बढ़ रहा है.
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रूस (Russia) केवल यूक्रेन (Ukraine) का डिमिलिटराइजेशन (Demilitarization) चाहता है. अब पश्चिमी देश रूस के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. बाबुश्किन ने आर्थिक प्रतिबंधों के बारे में कहा कि रूस ने ऐसे प्रतिबंध पहले भी झेले हैं और उसे इन परिस्थितियों की आदत है. लेकिन आर्थिक गतिविधियों के अलावा रूसी कलाकारों, खिलाड़ियों और एयरलाइंस पर प्रतिबंध लगाना पश्चिमी देशों की नीयत बताता है.
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