दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने पास किया UPSC एग्जाम, चौथे प्रयास में ऐसे मिली सफलता
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दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने पास किया UPSC एग्जाम, चौथे प्रयास में ऐसे मिली सफलता

S Aswathy Success Story: केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली एस अस्वथी (S Aswathy) को चौथे प्रयास में सफलता मिली है और उन्होंने 481वीं रैंक हासिल की. एग्जाम पास करने के बाद अस्वथी ने बताया कि पिछले 15 साल से सिविल सर्वेंट (Civil Servant) बनना उनका एक सपना था.

एस अस्वथी (S Aswathy) ने आठवीं क्लास में IAS बनने का सपना देखा था. (फोटो सोर्स- एएनआई)

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पिछले महीने सिविल सेवा एग्जाम 2020 (CSE Exam 2020) के नतीजे घोषित किए थे, जिसमें बिहार के शुभम कुमार टॉपर रहे. हर साल लाखों उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सभी सफल नहीं हो पाते हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं, जो लगातार असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारते हैं. ऐसी ही कहानी केरल की रहने वाली एस अस्वथी (S Aswathy) की है, जिन्होंने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की और 15 साल पुराना सपना पूरा किया.

  1. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए छोड़ दी नौकरी
  2. एस अस्वथी ने चौथे प्रयास में हासिल की 481वीं रैंक
  3. एस अस्वथी का फिर से परीक्षा देने का प्लान है
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इंजीनियरिंग के बाद लगी टीसीएस में नौकरी

27 वर्षीय एस अस्वथी (S Aswathy) जब आठवीं क्लास में थीं, तब उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था. 12वीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का फैसला किया और तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट बार्टन हिल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया. 2015 में जब अस्वथी कॉलेज के अंतिम साल में थी तब उनका प्लेसमेंट टीसीएस कोच्चि में हो गया, लेकिन उनके मन में सिविल सर्वेंट बनने का सपना अभी भी था.

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नौकरी छोड़ यूपीएससी एग्जाम की तैयारी

टीसीएस में नौकरी करते हुए एस अस्वथी (S Aswathy) ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की और काम के साथ-साथ पढ़ाई भी करने लगीं. लेकिन वह तैयारी पर पूरा ध्यान नहीं दे पाती थीं और उन्होंने साल 2017 में आईटी कंपनी की नौकरी छोड़कर सिविल सेवाओं की तैयारी करने का फैसला किया.

शुरुआती तीन प्रयासों में नहीं मिली सफलता

नौकरी छोड़ने के बाद एस अस्वथी (S Aswathy) ने केरल राज्य सिविल सेवा अकादमी और तिरुवनंतपुरम में कुछ प्राइवेट एकेडमी से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की, लेकिन शुरुआती तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि इसके बावजूद अस्वथी ने हिम्मत नहीं हारी और अधिक मजबूती से चौथी बार एग्जाम दिया.

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चौथे प्रयास में हासिल की 481वीं रैंक

केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली एस अस्वथी (S Aswathy) को चौथे प्रयास में सफलता मिली और उन्होंने 481वीं रैंक हासिल की. एग्जाम पास करने के बाद अस्वथी ने बताया कि पिछले 15 साल से सिविल सर्वेंट (Civil Servant) बनना उनका एक सपना था.

फिर से परीक्षा देने का है प्लान

एस अस्वथी (S Aswathy) को चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में कामयाबी मिली, लेकिन रैंक ज्यादा होने की वजह से आईएएस अफसर बनने में असफल रही. उनका कहना है कि मेरा सपना एक आईएएस अधिकारी बनने का है, इसलिए मैंने अपने सपने को पूरा करने के लिए फिर से परीक्षा देने की योजना बनाई है.

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चौथे प्रयास में ऐसे मिली सफलता

DNA की रिपोर्ट के अनुसार, एस अस्वथी (S Aswathy) ने बताया, 'यह सिविल सेवा परीक्षा में मेरा चौथा प्रयास था. पिछली तीन बार मैं प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सकी थी और इससे मैं थोड़ा चिंतित थी. इस परीक्षा को पास करने के लिए, मैंने ज्यादा से ज्यादा लिखने की प्रैक्टिस की. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पर ध्यान दिया, ताकि पेपर को अच्छे से लिख सकूं.'

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अस्वथी के पिता हैं दिहाड़ी मजदूर

एस अस्वथी (S Aswathy) के पिता प्रेम कुमार दिहाड़ी मजदूर हैं और बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं. अस्वथी की मां श्रीलता पी एक हाउस वाइफ हैं और उनका छोटा भाई एक आईटी फर्म में काम करता है. बेटी की सफलता पर पिता ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. कठिन परिस्थितियों में उसने सिविल सेवा परीक्षा पास की. मुझे उस पर गर्व है. वह पढ़ाई में काफी अच्छी है.'

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