कभी पहलवान की आंख फोड़ी, कभी कोचों को भगाया; विवादित रहा है Sushil Kumar का इतिहास
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कभी पहलवान की आंख फोड़ी, कभी कोचों को भगाया; विवादित रहा है Sushil Kumar का इतिहास

ओलंपियन पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का विवादों में रिश्ता कोई नया नहीं है. उस पर बिना फाइनल फाइट लड़े 3 बार नेशनल चैंपियन बनने का भी आरोप है. 

पहलवान सुशील कुमार (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: ओलंपियन पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का विवादों में रिश्ता कोई नया नहीं है. भारत के गिने चुने पहलवानों में से एक सुशील कुमार की झोली में जितने मेडल गिरे हैं, जीवन भी उतना ही विवादों से भरा रहा है. जिस पहलवान सुशील ने लंदन और बीजिंग ओलंपिक से रजत व कांस्य पदक भारत के नाम किए. वही कामयाब रेसलर आज सबसे ज्यादा विवादों में है.

  1. वर्ष 2016 में जुड़ा पहला विवाद
  2. नरसिंह के खाने में मिलाने का आरोप
  3. बिना लड़े 3 बार गोल्ड मिलने पर सवाल

वर्ष 2016 में जुड़ा पहला विवाद

पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) के साथ सबसे पहला विवाद वर्ष 2016 में जुड़ा. उस समय पहलवान नरसिंह पंचम यादव (Narsingh Yadav) ने आरोप लगाया था कि सुशील ने उनके खाने में कुछ मिला दिया था. जिसकी वजह से वो डोप टेस्ट में पॉजिटिव निकले. इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह पंचम यादव को रियो ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था. 

महासंघ के इस फैसले के खिलाफ सुशील कुमार ने नरसिंह के चयन के खिलाफ ट्रायल बाउट के आयोजन की मांग की. जब महासंघ ने उसकी बात नहीं मानी तो सुशील ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने सुशील की मांग को ठुकराते हुए महासंघ के फैसले को सही ठहरा दिया. 

नरसिंह के खाने में मिलाने का आरोप

कोर्ट के इस फैसले के कुछ दिनों बाद नरसिंह पंचम यादव डोप टेस्ट में फेल हो गए. नरसिंह यादव ने सुशील कुमार पर उनके खाने में कुछ घोलने का आरोप लगाया. जिसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर दिसंबर 2019 को अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी. कोर्ट ने वर्ष 2020 की शुरुआत में इस रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगाते हुए मामले को खत्म कर दिया था.

पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) को वर्ष 2017 में राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था. तब भी इस नियुक्ति पर सवाल उठे थे. सुशील के प्रतिद्वंद्वी पहलवान नरसिंह यादव (Narsingh Yadav) ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील कुमार पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था. साथ ही सुशील कुमार की राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में हुई नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई थी.

नरसिंह ने यह भी सवाल किया कि तोड़फोड़ के आरोपों के बावजूद पहलवान सुशील कुमार को रियो ओलंपिक से पहले पर्यवेक्षक क्यों नियुक्त किया गया. सुशील की वजह से नरसिंह यादव को डोपिंग विवाद में 4 साल का बैन झेलना पड़ा था. 

बिना लड़े 3 बार गोल्ड मिलने पर सवाल

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) को नेशनल चैंपियन बनाने के लिए तीन बार गोल्ड मैडल जीतने से पहले वॉक ओवर मिल गए थे. वे बिना कोई बाउट लड़े तीन बार गोल्ड मैडल जीत गए थे. कहते हैं कि ये जीत प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से सुनिश्चित करवाई गई थी. 

वर्ष 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान जब सुशील कुमार ने फाइनल में प्रवीण राणा को हराया. तब राणा ने भी यह आरोप लगाया था कि सुशील के समर्थकों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी था. साथ ही उन्हें आगामी प्रो रेसलिंग लीग में भाग लेने की चुनौती दी थी.

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पहलवान योगेश्वर दत्त से हुआ झगड़ा

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का विवाद साथी पहलवानों समेत कोचों के साथ भी होता रहता था. सुशील कुमार का पहलवान योगेश्वर दत्त के साथ भी झगड़ा हुआ था, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में सुशील के साथ देश के लिए कांस्य पदक जीता था. योगेश्वर दत्त छत्रसाल स्टेडियम में ही ट्रेनिंग करते थे. सुशील से विवाद के चलते लंदन ओलंपिक के बाद उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया.

योगेश्वर के अलावा, अन्य पहलवानों, जितेंद्र कुमार और प्रवीण ने भी छत्रसाल स्टेडियम को छोड़ दिया. इनके अलावा वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया ने भी विवाद के चलते छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया.

कई कोच छोड़ चुके हैं साथ 

सुशील का विवाद सिर्फ खिलाडिय़ों से ही नहीं था बल्कि उनके व्यवहार से तंग आकर कई कोच छत्रसाल स्टेडियम से भी जा चुके हैं. कोच रामफल लंदन ओलंपिक के बाद छत्रसाल स्टेडियम से रवाना हुए. वहीं 6 महीने पहले सुशील के खास माने जाने वाले वीरेंद्र सिंह भी विवादों के चलते सुशील से दूर हो गए. 

जितेंद्र पहलवान की आंखों में घूंसा मारा

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) पर वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के ट्रायल बाउट के दौरान पहलवान जितेंद्र की आंख में जानबूझकर घूंसा मारने का आरोप लगा था. इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए इस ट्रायल के फाइनल में जितेंद्र का सामना सुशील से हुआ था. बाउट के दौरान सुशील ने कथित तौर पर पहले जितेंद्र की उंगली घुमाई, फिर उनकी बाईं आंख पर मुक्का मारा. जितेंद्र ने तब मीडिया को बताया था कि उन्हें लगी चोट ने उन्हें कुछ समय के लिए दिखने से रोक दिया था.

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हर बार विवादों को निकल जाने वाले सुशील कुमार को नहीं पता होगा कि पहलवान सागर धनखड़ के साथ हुए विवाद से बाहर निकलना कितना मुश्किल होगा. जो पहलवान कभी तिरंगे को ऊपर उठकर चलता था, उसे एक दिन तौलिए से अपना चेहरा छुपाना पड़ेगा.

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