लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे सपा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है.
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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर ने आज सांसद पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने सुरेन्द्र नागर का इस्तीफ़ा स्वीकार भी कर लिया है. चर्चा है कि सुरेन्द्र नागर जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगे.
लेकिन सुरेन्द्र नागर जो कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे, उन्होंने एकाएक इस्तीफ़े का फैसला क्यों लिया और अपने कार्यकाल का 3 साल बचे होने के बावजूद भी इस्तीफ़ा क्यों दिया ? ये सवाल हर किसी के मन में है. दरअसल सुरेन्द्र नागर पिछले कई दिनों से पार्टी के कामकाज के तरीके से नाख़ुश बताए जा रहे थे. वहीं राज्यसभा में सपा के एक वरिष्ठ नेता की पसंद और नापसंद के शिकार भी कई मुद्दों पर रहे हैं. इसी बीच बीजेपी के कई नेताओं ने सुरेन्द्र नागर से बातचीत करनी शुरू की.
सूत्रों का दावा है कि सुरेन्द्र नागर के बीजेपी में जाने की पटकथा नीरज शेखर के साथ ही लिखी जा चुकी थी. इसीलिए सुरेन्द्र नागर ट्रिपल तलाक और UAPA बिल में भी राज्यसभा में मौजूद नहीं रहे. हालाँकि सिर्फ सुरेन्द्र नागर ही नहीं विपक्ष के कई सांसद महत्वपूर्ण बिल पर वोटिंग के दौरान सदन से नदारद थे. गुरूवार को संसद में सुरेन्द्र नागर की मुलाकात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से हुई. हालाँकि यह एक बेहद अनौपचारिक मुलाकात थी. संसद की गैलरी से अमित शाह निकल रहे थ और सुरेन्द्र नागर ने गृह मंत्री अमित शाह को नमस्कार किया. इस पर अमित शाह ने पूछा कि और कैसे हो नागर ? इसी बातचीत के बाद से बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र नागर से संपर्क करने लगे और शुक्रवार को सुरेन्द्र नागर ने इस्तीफ़ा दे दिया.
सूत्रों का मानना है कि नागर बीजेपी में शामिल होंगे और बचे हुए कार्यकाल में बीजेपी सुरेन्द्र नागर को राज्यसभा भेजेगी. बीजेपी में सुरेन्द्र नागर के एंट्री की एक और कहानी है, वो है गुर्जर वोट बैंक. दरअसल पश्चिम यूपी की कई सीटों पर गुर्जर वोट बैंक का अच्छा ख़ासा प्रभाव है और पश्चिमी यूपी में बीजेपी के पास कोई बड़ा गुर्जर नेता नहीं है. बीजेपी सुरेन्द्र नागर के ज़रिए इस कोटे को पूरा करना चाहती है.
पश्चिमी यूपी में सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जो कि गुर्जर बाहुल्य सीट मानी जाती है. उपचुनाव से पहले सुरेन्द्र नागर अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो इस सीट पर असर पड़ सकता है. आपको बता दें समाजवादी पार्टी और बीएसपी के कुछ और सांसद इस वक्त बीजेपी के संपर्क में हैं. आने वाले दिनों में कुछ और राज्यसभा सांसद बीजेपी का दामन थाम सकते है.