फैसल ने कश्मीर में बगैर उकसावे के होने वाली हत्याओं और भारतीय मुसलमानों को कथित तौर पर हाशिये पर डाले जाने के खिलाफ विरोध जताते हुए सोशल मीडिया के जरिए नौ जनवरी को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी.
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श्रीनगर: आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि वह आगामी संसदीय चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन 'फिलहाल' किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे. बता दें फैसल ने कश्मीर में बगैर उकसावे के होने वाली हत्याओं और भारतीय मुसलमानों को कथित तौर पर हाशिये पर डाले जाने के खिलाफ विरोध जताते हुए सोशल मीडिया के जरिए नौ जनवरी को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. फैसल सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले प्रथम कश्मीरी थे, जिसे लेकर वह चर्चित रहें.
सिविल सेवा परीक्षा 2009 में टॉपर रहे फैसल ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस में शामिल होने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि शासन में मिले अनुभवों को वहां कोई उपयोग नहीं हो सकता.
फैसल नेशनल कॉन्प्रेंस में हो सकते हैं शामिल
सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस की डिग्री रखने वाले और 2010 बैच के आईएएस अधिकारी फैसल के नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने की संभावना है और वह बारामुला सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उनके (फैसले के) इस्तीफे से नौकरशाही को नुकसान हुआ है जबकि राजनीति को लाभ मिलेगा. उमर ने ट्वीट किया था, 'नौकरशाही का नुकसान राजनीति का फायदा बन सकता है. इस तरफ स्वागत है शाह फैसल.'
वहीं, हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी फैसल के इस्तीफे का स्वागत किया. मीरवाइज ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार द्वारा कश्मीरियों का बगैर उकसावे के की जा रही हत्या के खिलाफ विरोध जताते हुए शाह फैसल के इस्तीफा देने के रूख का स्वागत करता हूं.'
(इनपुट - भाषा)