11 दौर की बातचीत के बाद भी नहीं निकला हल, कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने बताया वार्ता फेल होने का कारण
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11 दौर की बातचीत के बाद भी नहीं निकला हल, कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने बताया वार्ता फेल होने का कारण

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) का कहना है कि किसान संगठनों में कुछ ऐसे लोग हैं, जो नहीं चाहते कि इस आंदोलन का कोई हल निकले. उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि सकारात्मक लोग आगे आएंगे और इस मसले का कोई समाधान निकलेगा. 

नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि भारत सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 6 साल से कई प्रयत्न किए जा रहे थे. जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. 

  1. 'किसानों की भलाई के लिए सरकार ने कृषि कानून बनाए'
  2. 'कुछ नकारात्मक लोग नहीं चाहते कि ये आंदोलन खत्म हो'
  3. 'हमारा देश लोकतांत्रिक, कोई भी आंदोलन कर सकता है'

'किसानों की भलाई के लिए सरकार ने कृषि कानून बनाए'

कृषि मंत्री तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसान महंगी और डिमांड वाली फसलों को उगाने के लिए आगे बढ़ सके, इसके लिए नए कृषि कानून (New Farms Law) बनाए गए. लेकिन कुछ किसान संगठनों (Farmers Organizations) को इस पर ऐतराज है, खासकर पंजाब के किसानों को. तोमर ने कहा,'किसानों से 11 दौर की बातचीत के बाद भी रास्ता नहीं निकला तो हम डेढ़ साल के लिए कानून स्थगित कर देते हैं. इसी बीच हम कोई रास्ता निकाल लेंगे.'

'कुछ नकारात्मक लोग नहीं चाहते कि ये आंदोलन खत्म हो'

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आंदोलन खत्म करवाने के लिए किसान संगठनों से बातचीत चल रही है. कुछ बात बनती है लेकिन बाद में बिगड़ जाती है. बातचीत करने वालों में कुछ नकारात्मक लोग हैं, जो नहीं चाहते कि कोई समाधान निकले. लेकिन सरकार को उम्मीद है कि सकारात्मक लोग आगे आएंगे और बात आगे बढ़ेगी. 

'हमारा देश लोकतांत्रिक, कोई भी आंदोलन कर सकता है'

उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों के हित में खुले मन से विचार करने को हमेशा तैयार रही है. देश में काफी सारे किसान संगठन इन कानूनों के पक्ष में हैं लेकिन सरकार एक भी किसान को नाराज करने के पक्ष में नहीं है. इसीलिए आंदोलनकारी किसानों से लगातार बातचीत की जा रही है. तोमर ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है और यहां कोई भी आंदोलन कर सकता है. 

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'मुझे किसानों की ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण होने की उम्मीद'

किसान संगठनों की 26 जनवरी को निकलने वाली ट्रैक्टर परेड के बारे में नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा,'मैं समझता हूं कि 26  जनवरी हमारा गणतंत्र दिवस है. इसलिए उस दिन आंदोलन करने के बजाय किसी और दिन को भी चुना जा सकता था. फिर भी अब जब किसानों ने ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) तय कर ही ली है तो मुझे उम्मीद है कि उस दिन रैली शांतिपूर्ण होगी.' 

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