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नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) की पंजाब इकाई में चल रही कलह के बीच राज्य के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने शुक्रवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी इस बैठक में मौजूद थे.
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ बैठक के बाद हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा, 'मैं यहां पार्टी अध्यक्ष को अपना नोट जमा करने आया हूं. जैसे ही मुझे पंजाब कांग्रेस के बारे में उनके फैसले के बारे में पता चलेगा, मैं आपको (मीडिया) सभी को बता दूंगा.' हरीश रावत अब अपने पुराने बयान से पलट गए हैं और उन्होंने कहा कि पंजाब को लेकर फैसला सोनिया गांधी ही लेंगी.
हरीश रावत (Harish Rawat) ने गुरुवार को कहा कि आलाकमान एक ऐसे फार्मूले पर काम कर रहा है, जिससे अमरिंदर सिंह व सिद्धू दोनों मिलकर काम करें और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाएं. अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पार्टी संगठन में सिद्धू को महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने का विरोध किया है, हालांकि रावत ने ऐसी खबरों को खारिज किया है.
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बता दें कि पिछले कुछ महीनों से पंजाब कांग्रेस में कलह खुलकर देखने को मिल रही है. पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पार्टी में कलह को दूर करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने मुख्यमंत्री समेत पंजाब कांग्रेस के 100 से अधिक नेताओं की राय ली और फिर अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की चर्चा के बीच शुक्रवार को प्रदेश की आबादी का धार्मिक और जागतिगत आंकड़ा पेश करते हुए परोक्ष रूप से इस बात का समर्थन किया कि इस पद की जिम्मेदारी हिंदू समुदाय के किसी नेता को मिलनी चाहिए. पंजाब कांग्रेस के नेता पवन दीवान ने भी कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हिंदू समुदाय के किसी नेता को होना चाहिए. मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, 'पंजाब एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष राज्य है, लेकिन सामाजिक समूहों के बीच संतुलन बनाना अहम है। समानता ही सामाजिक न्याय की बुनियाद है.' मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब में 57.75 प्रतिशत सिख हैं और हिंदू एवं दलित समुदायों की आबादी क्रमश: 38.49 प्रतिशत और 31.94 प्रतिशत है.
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