अधिकारियों का दावा, श्रीलंकाई महिला ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर की पूजा-अर्चना
Advertisement
trendingNow1485752

अधिकारियों का दावा, श्रीलंकाई महिला ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर की पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि श्रीलंकाई महिला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. 

पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है.  इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. (फाइल फोटो)
पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. (फाइल फोटो)

सबरीमाला (केरल): अधिकारियों का दावा है कि केरल के सबरीमाला में गुरुवार रात भगवान अयप्पा के मंदिर में 47 वर्षीय श्रीलंकाई महिला ने प्रवेश किया और पूजा-अर्चना की. इस बीच सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर केरल में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान कई जगहों पर देसी बम फेंके गए. बता दें करीब 40 साल की दो महिलाओं के बुधवार को मंदिर में प्रवेश को लेकर श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि श्रीलंकाई महिला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. इस बात को लेकर संशय बना हुआ था कि क्या यह महिला गुरुवार देर रात को मंदिर में पूजा करने में सफल रही थी, क्योंकि महिला ने शुक्रवार सुबह दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था जबकि श्रद्धालुओं का कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा था.

सूत्रों ने बताया महिला ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महिला ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और वहां पूजा-अर्चना की. पुलिस ने बाद में शशिकला के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए. हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 'पदीनेट्टमपदी'  (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी. सन्नीधानम (मंदिर परिसर) के प्रभारी कन्नूर के महानिरीक्षक (आईजी) बलराम कुमार उपाध्याय से हालांकि संपर्क नहीं हो सका.

महिला अपने पति और बेटे के साथ दर्शन के लिए आई थीं. उन्होंने पंबा में शुक्रवार सुबह पत्रकारों से कहा कि उन्हें मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं मिली. हालांकि महिला के पति भी इस बात पर कायम रहे कि केवल वह और उनका बेटा ही गुरुवार को मंदिर में पूजा कर पाए. 

बीती रात कुछ टेलीविजन चैनलों ने 'इरुमुदीकेट्टू'  (पवित्र प्रसाद) और उनके साथ सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की तस्वीरें दिखाई थीं. मीडिया को देखकर पुलिसकर्मी वहां से चले गए. सबरीमाला की तलहटी में स्थित पंबा लौट कर उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'श्रद्धालुओं ने कोई प्रदर्शन नहीं किया. लेकिन पुलिस ने मुझे वापस भेज दिया. मैं अयप्पा की भक्त हूं. उन्होंने मुझे मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी. मुझे किसी का डर नहीं है....' 

महिला ने नाराजगी दिखाते हुए कहा, 'उन्होंने मुझे जाने नहीं दिया. आखिर उन्होंने मुझे क्यों नहीं जाने दिया? आखिर आप लोग मेरे इर्द-गिर्द अब क्यों खड़े हैं? मुझे किसी का डर नहीं है. अयप्पा आपको इसका जवाब देंगे. मैं अयप्पा की भक्त हूं. मैं यहां औरों की तरह कुछ करने नहीं आई हूं. आपको पता चल जाएगा कि मैं कौन हूं.' आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुरक्षा कारणों के चलते महिला संभवत: कह रही हों कि वह पूजा नहीं कर सकीं.

पुलिस ने ट्रांसजेंडर को वापस लौटाया
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब छह बजे पंबा पहुंचीं एक ट्रांसजेंडर को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया. बता दें चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में सबरीमाला में पूजा की थी.

जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है. पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद गुरुवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए. 

(इनपुट -भाषा)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;