उत्तर प्रदेश में अपराधी जेल के अंदर ही अपनी जान सुरक्षित समझ रहे हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार में अपराधियों में यूपी पुलिस का खौफ है. तीन साल से ज्यादा के कार्यकाल में अब तक पुलिस ने यूपी में 6,126 एनकाउंटर किए हैं. इनमें 122 दुर्दांत अपराधी ढेर हुए जबकि 2,293 बदमाश घायल हुए और 13 जवान शहीद हुए. इसका असर ये हुआ कि उत्तर प्रदेश में अपराधी जेल के अंदर ही अपनी जान सुरक्षित समझ रहे हैं. अपराधी खुद जाकर थाने में सरेंडर कर रहे हैं कि कहीं उनका एनकाउंटर ना हो जाए. हालांकि इनमें से 8 पुलिसकर्मी तो कानपुर के चौबेपुर मुठभेड़ में ही शहीद हुए.
बता दें कि 20 मार्च 2017 से 10 जुलाई 2020 के बीच यूपी पुलिस ने कुल 6,126 एनकाउंटर किए. इस दौरान 13,361 अपराधी गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे भेजे गए. इनमें से 2,293 अपराधी ऐसे थे जिन्हें मुठभेड़ के दौरान गोली लगी और वो घायल हो गए. मुठभेड़ के दौरान 894 पुलिसवाले भी गोली लगने से घायल हुए जबकि 13 को शहादत प्राप्त हुई.
योगी राज के 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत यूपी पुलिस ने विकास दुबे एंड गैंग समेत 122 दुर्दांत अपराधियों को ढेर किया है. अब तक के योगी राज में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा में हुए.
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मेरठ में हुई कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किए. इनमें 1159 गोली लगने से घायल हुए जबकि 59 को पुलिस ने मार गिराया. इसके बाद आगरा में 1422 एनकाउंटर किए गए. इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार हुए जबकि 134 गोली लगने से घायल हो गए और 11 अपराधियों को मार गिराया गया.
इसके अलावा प्रयागराज में 245 एनकाउंटर में 492 अपराधी गिरफ्तार हुए जबकि पांच मारे गए. इसी तरह बरेली में 879 एनकाउंटर में 1940 अपराधी गिरफ्तार किए गए.
गोरखपुर में हुई 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए और चार मारे गए वहीं कानपुर में 419 मुठभेड़ों में 828 अपराधी गिरफ्तार और 8 ढेर हुए.
राजधानी लखनऊ में 227 मुठभेड़ में 580 अपराधी गिरफ्तार और 9 ढेर किए गए. लखनऊ कमिश्नरी में 30 एनकाउंटर में 65 गिरफ्तार और दो की मौत हो गई.
वाराणसी में 379 मुठभेड़ के दौरान 792 अपराधी गिरफ्तार और 11 एनकाउंटर में मारे गए. गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) कमिश्नरी में 259 मुठभेड़ में 717 गिरफ्तार हुए और 6 अपराधी मारे गए.