बोरवेल में गिरे बच्चों को जल्दी से निकालेगा ये रोबोट, किसान के इंजीनियर बेटे ने बनाया
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बोरवेल में गिरे बच्चों को जल्दी से निकालेगा ये रोबोट, किसान के इंजीनियर बेटे ने बनाया

गुजरात के अमरेली में एक इंजीनियर ने ऐसा ही एक रोबोट तैयार किया है. अमरेली में राजुला के एक किसान के इंजीनियर बेटे ने मासूम बच्चों को बोरवेल से जल्दी से जीवित बाहर निकालने के लिए एक रॉबोट बनाया है, जो बच्चों को बोरवेल से सुरक्षित और तेजी से निकालने के लिए काफी कारगर है.

बोरवेल में गिरे बच्चों को जल्दी से निकालेगा ये रोबोट, किसान के इंजीनियर बेटे ने बनाया

अमरेली: तमाम प्रयासों और कानूनों के बावजूद अब भी देश में कई बार बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. अब ऐसी घटनाओं में जल्दी से बच्चों को बाहर निकाला जा सकेगा. गुजरात के अमरेली में एक इंजीनियर ने ऐसा ही एक रोबोट तैयार किया है. अमरेली में राजुला के एक किसान के इंजीनियर बेटे ने मासूम बच्चों को बोरवेल से जल्दी से जीवित बाहर निकालने के लिए एक रॉबोट बनाया है, जो बच्चों को बोरवेल से सुरक्षित और तेजी से निकालने के लिए काफी कारगर है.

राजुला में खेती का काम करने वाले एक युवक ने इंजीनियरिंग की पढाई की है. इस युवक ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जिससे मोबाईल से कमांड देकर रॉबोट द्वारा गहरे से गहरे बोरवेल में गिरे  बच्चे को आसानी से निकाला जा सकता है, वह भी काफी कम समय में. यह काफी आधुनिक आधुनिक तकनीक से बना रॉबोट है, जिसे महेश अहीर नामक इंजिनियर ने बनाया है.fallback

महेश के अनुसार वह कई बार देखता था की मासूम बच्चे खेलते -खेलते अनजाने में बोरवेल में गिर जाते हैं. कई घंटों की कोशिश के बावजूद भी कई बच्चे सही सलामत बाहर नहीं निकल पाते हैं. कई घरों के दीपक सिर्फ सही रेस्क्यू साधन नहीं होने की वजह से बुझ जाते हैं. ऐसे में महेश ने अपनी सूझ-बूझ से एक रोबोट तैयार करना  शुरू किया, जिससे अपने मोबाईल से ऑपरेट किया जा सकता है.

बोरवेल के अंदर की साफ तस्वीरें बच्चे की हलचल, मूवमेंट को स्क्रीन पर देखकर आसानी से रेस्क्यू कर बोरवेल से बहार निकाला जा सकता है. महेश अहीर के पिता एक साधारण किसान हैं. महेश के पिता उकाभाई का कहना है की महेश ने काफी मेहनत करके इस रोबोट का निर्माण किया है.

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महेश के एक मित्र संजय मकवाणा ने इस रोबोट को बनाने में मदद की. उनका कहना है कि यह रोबोट किसी भी पोजीशन में गिरे बच्चे को बाहर निकलने में समर्थ है. हमारी कोशिश थी कि हम ऐसा रोबोट बनाएं, जिससे बच्चे को ऑक्सीजन भी मिलती रहे. आखिरकार महेश ने ऐसा रोबोट तैयार कर लिया.
 
राजुला के विधायक के सामने महेश और उनके परिवार द्वारा इस रोबोट का डेमोस्ट्रेशन किया. विधायक ने कहा की इस रोबोट के बारे में वो सरकार को लिखित और मौखिक रूप से बता रहे हैं. महेश को इस काम के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. 

इनपुट: केतन बागडा

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