पाटीदार आंदोलन में सहभागियों के साथ हार्दिक पटेल ने किया धोखा, परिवार में गुस्सा
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पाटीदार आंदोलन में सहभागियों के साथ हार्दिक पटेल ने किया धोखा, परिवार में गुस्सा

समाज का आरोप है कि हार्दिक पटेल ने बड़ा नेता बनने के लिए पाटीदार समाज का उपयोग किया है और मोहरा बनाया है. 

फाइल फोटो

मेहसाणा: पाटीदार आरक्षण आंदोलन का हब माने जाने वाले मेहसाणा में पाटीदार समाज इस बात को लेकर आक्रोशित है कि हार्दिक पटेल ने पूरे पाटीदार समाज के साथ धोखा किया है. हार्दिक पटेल ने अपनी महत्वकांक्षा पूरी करने के लिए पाटीदार समाज को हथियार बनाया और उनकी भावनाओं के साथ खेला है. जिस तरह हार्दिक पटेल पाटीदार समाज की भावनाओं को किनारे करते हुए कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इस बात से पाटीदार समाज में काफी आक्रोश देखने मिल रहा है. 

समाज का आरोप है कि हार्दिक पटेल ने बड़ा नेता बनने के लिए पाटीदार समाज का उपयोग किया है और मोहरा बनाया है. इस तरह का आरोप मेहसाणा पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए युवक और घायल युवक के परिवार वालो ने लगाया है. दूसरी तरफ आज भी इन परिवारों की आंखों से उस मनहूस दिन को याद कर आंसू नहीं रुक पा रहे हैं. आंदोलन के दौरान अपने मरे हुए बेटे और घायल बेटे की तस्वीर देखकर मेहसाणा के इन परिवारों  की आंखों की नमी नहीं रुक पा रही है.

परिवारों का आरोप है कि हार्दिक पटेल पाटीदार आंदोलन में मारे गए लोगों की लाशों पर राजनीति कर बड़े बन गए हैं. बता दें कि मेहसाणा पाटीदार आंदोलन का सबसे बड़ा गढ़ रहा है. मेहसाणा में ही इस आंदोलन के दौरान 3 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और एक गंभीर रूप से घायल हुआ था. इसमें निशिज पटेल, मयूर पटेल और कनुभाई पटेल की मौत इसी आंदोलन के दौरान हुई थी. उनके घर वाले आज भी अपने बेटों की मौत का मातम मना रहे हैं.

वहीं, हार्दिक पटेल का विरोध सिर्फ पीड़ित परिवार ही नहीं कर रहे हैं बल्कि पाटीदार समाज में भी उनके खिलाफ विरोध के सुर उभर रहे हैं. हार्दिक पटेल के आंदोलन के समय के साथी लालजी पटेल ने भी उनपर पाटीदार समाज के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया है. आंदोलन में बुरी तरह घायल हुए प्रतीक का परिवार हर महीने 25000 रूपये दवाइयों पर खर्च करता है. प्रतीक के परिवार ने कहा कि हमें लगा था कि हमारा बेटा हमारे बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन अब हम ही उसका सहारा बनने पर मजबूर हो गए हैं. 

उन्होंने बताया कि प्रतीक का एक बड़ा ऑपरेशन और होना है. बता दें कि आंदोलन के दौरान प्रतीक के सिर में गोली लग गई थी. परिवार का कहना है कि हार्दिक कभी मेहसाणा आएगा तो हम उसका विरोध करेंगे और उसे मेहसाणा में घुसने नहीं देंगे.

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