जम्मू कश्मीर की नागरिकता हासिल करने के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के नियमों की अधिसूचना राज्य सरकार ने सोमवार देर शाम जारी कर दी.
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की नागरिकता हासिल करने के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के नियमों की अधिसूचना राज्य सरकार ने सोमवार देर शाम जारी कर दी. इसके साथ ही आवेदन के लिए इसका प्रारूप भी जारी कर दिया गया है. प्रमाणपत्र के लिए योग्य व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सक्षम प्राधिकारी के पास ऑफलाइन फॉर्म भरकर भी जमा कर सकते हैं.
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया के नियमों की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी. डोमिसाइल को मूल निवासी प्रमाण पत्र भी माना जाएगा. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत अधिकार और जम्मू-कश्मीर नागरिक सेवा अधिनियम, 2010 के नियमों के तहत डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। डोमिसाइल प्रमाणपत्र के आवेदन के लिए प्रारूप भी जारी कर दिया गया है.
डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए जो भी व्यक्ति तय शर्तें पूरी करेगा, उसे सक्षम प्राधिकारी प्रमाणपत्र जारी करेगा. जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक निवास करने वाले व्यक्ति या फिर सात साल तक पढ़ाई करने वाले को ही प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा. प्रदेश में पढ़ाई करने वाले के लिए शर्त यह है कि संबंधित व्यक्ति ने जम्मू-कश्मीर के शिक्षण संस्थानों से दसवीं व बारहवीं की परीक्षा भी दी हो.
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केंद्र सरकार के अधिकारियों के बच्चे, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, सार्वजनिक उपक्रमों व केंद्र सरकार के स्वायत्त संस्थाओं के अधिकारियों, सार्वजनिक उपक्रमों के बैंक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों व पंजीकृत शोध संस्थाओं के अधिकारी, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में 10 साल तक नौकरी की हो, उन्हें और उनके बच्चों को भी डोमिसाइल प्रमाणपत्र का पात्र माना जाएगा.
डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए योग्य व्यक्ति सक्षम प्राधिकारी के पास ऑनलाइन आवेदन या ऑफलाइन निर्धारित फॉर्म भरकर जमा कर सकता है. नाबालिग या दिव्यांग लोगों के मामले में नियमों के तहत नियुक्त अभिभावक आवेदन कर सकेंगे. प्रदेश के स्थायी नागरिक प्रमाणपत्र धारक डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए तहसीलदार के समक्ष आवेदन करेंगे. उनके मामले में जिला उपायुक्त अपीलेंट अथॉरिटी रहेगा. स्थायी प्रमाणपत्र धारक व्यक्तियों के बच्चे भी तहसीलदार के समक्ष आवेदन करेंगे. उनके मामले में भी डीसी अपीलेंट अथॉरिटी रहेगा.
पंद्रह साल तक जम्मू-कश्मीर में रहने वालों के लिए जिस इलाके में वह रहते रहे हैं, वहां का तहसीलदार सक्षम प्राधिकारी रहेगा. आवेदक को इसके लिए राशन कार्ड, शिक्षण रिकॉर्ड आदि पेश करने होंगे. 15 साल जम्मू-कश्मीर में रहे व्यक्ति के बच्चों के मामले में भी तहसीलदार सक्षम प्राधिकारी रहेगा. सात साल जम्मू कश्मीर में पढ़ाई करने वाले लोगों के मामले में भी तहसीलदार सक्षम प्राधिकारी रहेगा. जिला उपायुक्त अपीलेंट अथॉरिटी बनाए गए हैं.
विस्थापितों के मामले में राहत और पुनर्वास आयुक्त विस्थापित सक्षम प्राधिकारी रहेगा. विस्थापितों के बच्चों के मामले में भी ऐसा ही रहेगा. केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों के बच्चों के मामले में अतिरिक्त सचिव या सामान्य प्रशासनिक विभाग का अधिकारी सक्षम प्राधिकारी रहेगा. दस साल तक सेवा करने वाले अधिकारियों के मामले में सक्षम प्राधिकारी मनोनीत होगा. जम्मू-कश्मीर के निवासियों के वह बच्चे जो प्रदेश से बाहर नौकरी या अन्य काम कर रहे हैं, तहसीलदार सक्षम प्राधिकारी रहेगा.
पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते डोमिसाइल सर्टिफिकेट कानून को राज्य के लोगों के साथ धोखा बताया है, जबकि बीजेपी ने इसका स्वागत करते इसे लोगों के हित में लिया गया फैसला बताया है.
जम्मू कश्मीर के नए नागरिकता कानून जिसे डोमिसाइल सर्टिफिकेट लॉ भी कहा जा रहा है. इसकी मुख्य बातें ये होंगी:
1. जम्मू कश्मीर की बेटियां जिनकी शादी राज्य से बाहरी व्यक्तियों से करने पर उनकी नागरिकता छिन जाती थी, अब उनकी और उनके बच्चों को भी राज्य की स्थायी नागरिकता का अधिकार होगा.
2. पिछले 73 सालों से जम्मू में रह रहे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को अब राज्य की नागरिकता मिल जाएगी. इसके साथ ही वाल्मीकि समाज और राज्य में रह रहे गोरखा समुदाय को भी नए नागरिकता कानून के तहत रखा गया है, वो जम्मू कश्मीर के शहरी होंगे. पहले वो पंचायत में वोट नहीं कर सकते थे.
अब उन्हें असेंबली में वोट देने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का अधिकार मिल गया है. इनकी कुल संख्या 2 लाख के करीब है.
3. 1947 में पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू कश्मीर से आए 5300 परिवार जिनकी संख्या भी अब 1 लाख से ज्यादा होगी. उन्हें उस समय राज्य में बसने नहीं दिया गया था, अब वो लोग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में बस कर वहां के नागरिक हो गए, इस कानून में उन लोगों को भी राज्य की नागरिकता हासिल करने का प्रावधान है, उनका ये क्लेम 1 साल तक वैलिड रहेगा.
इसके अलावा, जो कश्मीरी विस्थापित किसी वजह से विस्थापन के समय जम्मू में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सके वो भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र के हकदार होंगे.
4. राज्य में क्लास फोर्थ से लेकर गजेटेड स्तर की सभी नौकरियों पर यहां के नागरिकों का अधिकार होगा. बिना डोमिसाइल प्रमाण पत्र यहां कोई बाहरी व्यक्ति नौकरी के लिए अप्लाई करने का भी हकदार नहीं होगा.
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