चूरू: अपने ही घर में पहचान को तरसे महान गीतकार 'भरत व्यास', कागजों में अटकी उनके नाम की सड़क
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चूरू: अपने ही घर में पहचान को तरसे महान गीतकार 'भरत व्यास', कागजों में अटकी उनके नाम की सड़क

'सारंगा तेरी याद में', 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम', ज्योत से ज्योत जगाते चलो गानों से देश ही नहीं विदेशों में पहचान बनाने वाले चूरू के गीतकार पंडित भरत व्यास (Pandit Bharat Vyas) अपने ही गृह क्षेत्र चूरू (Churru)में पहचान को तरस गए हैं. 

चर्चित फिल्मों के लिए गीत लिखने वाले गीतकार को शहर भूलता जा रहा है.

नरेंद्र राठौड़, चूरू: 'सारंगा तेरी याद में', 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम', ज्योत से ज्योत जगाते चलो गानों से देश ही नहीं विदेशों में पहचान बनाने वाले चूरू के गीतकार पंडित भरत व्यास (Pandit Bharat Vyas) अपने ही गृह क्षेत्र चूरू (Churru)में पहचान को तरस गए हैं. 

चर्चित फिल्मों में कालजयी गीतों के रचयिता पंडित व्यास के नाम से शहर के गढ़ चौराहा से छोट मंदिर तक का उत्तराधा बाजार का नामकरण किया जाना था. लेकिन प्रशासन व नगरपरिषद के रूचि नहीं लेने से कागजों में दफन होकर रह गया है.

रानी रूपमति व मन की जीत जैसी अनेक चर्चित फिल्मों में कालजयी गीतों के रचयिता पण्डित व्यास के नाम से शहर के गढ़ चौराहा से छोट मंदिर तक का उत्तराधा बाजार का नामकरण उनके नाम से किया जाना था. लेकिन प्रशासन व नगरपरिषद के रूचि नहीं लेने से कागजों में दफन होकर रह गया है.

पण्डित व्यास का जन्म चूरू में हुआ. तीन वर्ष के थे तो पिता शिवदत्त राय का निधन हो गया. उन्होंने कक्षा एक से दस तक पढ़ाई चूरू के लक्ष्मीनारायण बागला स्कूल में पूरी की. इसके बाद बीकानेर के डूंगर कॉलेज में कॉमर्स विषय की पढ़ाई की. चूरू में लगातार मंचों पर सक्रिय रहे. रामू चनणा व ढोला मरवण जैसे नाटक भी लिखे. 

संगीतकार श्यामसुन्दर शर्मा बताते है कि प्रसिद्ध अभिनेता किशोर कुमार ने पहला गाना पण्डित व्यास का लिखा गाया. इस गाने से उन्हें सिने जगत में पहचान मिली. इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने बताया कि करीब 102 फिल्मों में दो हजार के करीब गाने लिखे.

यूएनओ ने दिया सम्मान
संगीतकार शर्मा ने बताया कि उनके लिखे ज्योत से ज्योत जगाते चलो लिखे गाने पर यूएनओ की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया था. इसके अलावा लिखे गीतों के लिए कई मंचों से सम्मान हुआ. उन्होंने बताया कि मुम्बई की स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान ऐ मालिक तेरे बंदे हम प्रमुखता से गाया जाता है.

दो साल पहले लिया था प्रस्ताव
करीब दो साल पहले नगरपरिषद की साधारण सभा की बैठक के दौरान गढ़ चौराहा से छोट मंदिर तक का उत्तराधा बाजार का नामकरण उनके नाम से कर सम्मान देने का प्रस्ताव लिया था. लेकिन विडम्बना है कि अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

नगर परिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह का कहना है कि 2 साल पहले प्रस्ताव नगर परिषद की साधारण सभा में पास हो गया था जिला कलेक्टर को भी इसके स्वीकृति के लिए पत्र लिखा गया है और जिला कलेक्टर ने इसे संभागीय आयुक्त को पत्र लिखकर स्वीकृति चाही गई है. लेकिन अभी तक पंडित भरत व्यास के नाम पर शुरू के गढ़ चौराहे से उत्तर आधा बाजार का नामकरण करने को मंजूरी नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि वह अब फिर दोबारा जिला कलेक्टर को पत्र लिखेंगे.

इस मामले में जिला कलेक्टर संदेश नायक पूरी तरह से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर नगर परिषद ने प्रस्ताव पास कर दिया है तो नगर परिषद प्रशासन उनसे बैठकर चर्चा करें.

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