महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों ने देश का नाम किया रोशन, एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा
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महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों ने देश का नाम किया रोशन, एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा

महराष्ट्र के नासिक जिले के साथ बीड, चंद्रपूर, धुले, अमरावती जिले के आदिवासी छात्र इस मिशन शौर्य में शामिल थे. शुक्रवार (24 मई) को सुबह उन्होंने यह रिकॉर्ड दर्ज किया. यह सभी छात्र महाराष्ट्र के आदिवासी विभाग के स्कूलों में पढ़ते है.

मिशन शौर्य में शामिल इन बच्चों ने भारत का नाम रौशन किया. (फाइल फोटो)

मुंबई: विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करने में महाराष्ट्र के 9 आदिवासी छात्रों ने सफलता पाई है. महाराष्ट्र के आदिवासी विभाग ने पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए ‘मिशन शौर्य’ शुरू किया है. जिसके अंतर्गत 9 आदिवासी छात्रों ने यह मुकाम हासिल किया.

महराष्ट्र के नासिक जिले के साथ बीड, चंद्रपूर, धुले, अमरावती जिले के आदिवासी छात्र इस मिशन शौर्य में शामिल थे. शुक्रवार (24 मई) को सुबह उन्होंने यह रिकॉर्ड दर्ज किया. यह सभी छात्र महाराष्ट्र के आदिवासी विभाग के स्कूलोंमें पढ़ते है. जिसमें 6 लड़के और 3 लडकियां शामिल है.

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आपको बता दें कि, प्रदेश के 18 से 20 साल उम्र के आदिवासी छात्र को नागपूर के अविनाश देउस्कर और बीमल नेगी देऊस्कर ने मार्गदर्शन किया था. जिस कारण राज्य के चार आदिवासी छात्र चंद्रकला गावित (धुळे), सुरज आडे (चंद्रपूर), अनिल कुंदे (नाशिक), हेमलता गायकवड( नाशिक), मुन्ना धीकार (अमरावती), अंतू कोटनाके (चंद्रपूर), सुग्रीव मंदे (बीड), केतन जाधव (पालघर), मनोहर हिलींग (नाशिक) ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करने में सफलता पाई है. इससे पहले 2018 के मई में भी 4 आदिवासी छात्रों ने एवरेस्ट फतह करने में सफलता पाई थी.

मीडिया से बातचीत में पर्वतारोही ट्रेनर अविनाश देऊस्कर ने बताया कि महाराष्ट्र के आदिवासी विभाग के अंतर्गत 11 छात्र माऊंट एवरेस्ट की चढाई के लिए चुने गए थे. जिसमें से 9 आदिवासी छात्रों ने माऊंट एवरेस्ट की चढाई सफलता पूर्वक पूरी की है.

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