जयपुर: पुलवामा शहीदों को उमेश गोपीनाथ ऐेसे दे रहे सम्मान, हर कोई कर रहा सलाम
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जयपुर: पुलवामा शहीदों को उमेश गोपीनाथ ऐेसे दे रहे सम्मान, हर कोई कर रहा सलाम

पिछले आठ महीने से देश के अलग-अलग राज्यों की सड़कें नाप चुके उमेश शहीदों के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. 

उमेश शहीदों के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

जयपुर: देश के शहीदों को हर कोई अपने तरीके से याद करता है लेकिन बैंगलूरू में रहने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अलग ही तरीका अपनाया है. पिछले आठ महीने से देश के अलग-अलग राज्यों की सड़कें नाप चुके उमेश शहीदों के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इतना ही नहीं, वे शहीदों के घर जाकर उनके घर और गांव की मिट्टी भी लेते हैं, जिसे अगले साल वे पुलवामा लेकर पहुंचेंगे. गोपीनाथ का सड़क पर निकलने का अंदाज भी इतना अनोखा है कि जो कोई उन्हें देखता है, वहीं ठहर जाता है. 

पुलवामा के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए एक नौजवान इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में जा रहा है. मूल रूप से मराठी लेकिन पिछले कुछ साल से बैंगलूरू में रहने वाले उमेश अपना परिचय एक हिंदुस्तानी के रूप में देते हैं. वे कहते हैं कि शहीदों के सम्मान के लिए ही पुलवामा के हमले में शहीद हुए प्रत्येक सैनिक के घर वे जा रहे हैं.

बैंगलूरू से शुरू हुए इस सफर में उमेश अब तक अपने राज्य कर्नाटक के साथ ही केरल, तमिलनाडु, गोवा, पुडुचेरी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश होते हुए जयपुर पहुंचे हैं. राजस्थान में वे भरतपुर और कोटा में शहीदों के परिवारों से मिलेंगे. अपने सफर के बारे में बताते हुए उमेश कहते हैं कि उन्हें हर जगह जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है. पेशे से म्यूज़िक टीचर उमेश जाधव इस सफर पर निकले तो पैसे की कुछ परेशानी थी लेकिन उनका यह सफर क्राउड फण्डिंग से लगातार आगे बढ़ता जा रहा है. इसके लिए उन्होंने अपनी गाड़ी के साथ ही एक कार को ट्रॉली के रूप में भी तैयार किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी गाड़ी में सैनिकों और युद्ध-क्षेत्र से जुड़े अलग-अलग सामान को शहीदों के सम्मान में लगाया है.

मददगार भी आ रहे आगे
उमेश को जयपुर में अपनी गाड़ी के लिए मदद की ज़रूरत पड़ी तो यहां के पुराने बाइकर्स क्लब से जुड़े उपेंद्र शास्त्री खुद आगे आए. आर्मी डिस्पोज़ल विलीज़ जीप को खास अंदाज में ट्रॉली के साथ चलाने वाले शास्त्री ने उमेश की मदद करने के साथ ही उनके आगे के सफ़र के लिए शुभकामनाएं भी दीं. 

सेना और शहीदों दोनों को दे रहे सम्मान
बदलते दौर में कई बार लोग देश से पहले खुद को रखते हैं लेकिन शहीदों को सलाम करने निकले उमेश गोपीनाथ ने अपने यात्रा का मैसेज खास तौर पर इंडिया फर्स्ट रखा है. इसके जरिए वे सेना और शहीदों को तो सम्मान दे ही रहे हैं लेकिन साथ ही संदेश यह भी कि खुद की जय से पहले हमेशा देश को ही रखना चाहिए.

 

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