दरअसल, पाटन शहर में 'मानवता की दीवार' बनाई गई है. जहां बेघर और भिखारी लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सहारा बन रही है.
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प्रेमल त्रिवेदी/पाटन: गुजरात के पाटन शहर में बेघर और भीख मांग कर अपना गुजारा करने वाले लोगों को किसी भी तरह से दो समय का भोजन तो मिल जाता है. लेकिन, बाकी जरूरी चीजों के लिए जैसे कपड़े, जूते जैसी कई जरूरत की चीजों को पाने के कठिनाई होती है. रोज की जरूरी चीजों के लिए ऐसे लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. यह लोग खाने के लिए तो मांग लेते हैं पर बाकी चीजों को मांग पाने में हिचकिचाहट अनुभव करते हैं. क्योंकि बाकी जरुरत की चीजों को कोई साथ लेकर नहीं घूमता है. इस वजह से ऐसे बेघर और भीख मांगने वाले लोग कई चीजों से वंचित होते है. लेकिन ऐसे लोग अपनी जरुरत की चीजों को हासिल कर सके इसके लिए जिला प्रशासन और स्वैच्छिक संस्था द्वारा एक अनोखा प्रयास किया गया है.
दरअसल, पाटन शहर में 'मानवता की दीवार' बनाई गई है. जहां बेघर और भिखारी लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सहारा बन रही है. पाटन शहर के रेलवे गरनाला मार्ग पर एक कोने में 'मानवता की दीवार' बनाई गई है. जहां पहनने के लिए कपड़े, जूते जैसी कई जरुरत की चीजें रखी जाती हैं. जो इन जरुरतमंद लोगों के लिए बड़ा आशीर्वाद बन गयी हैं. यहां पर कोई भी इंसान जरुरत की चीजें रखकर चला जाता है और कोई भी इंसान अपने जरुरत की चीज यहां से उठा सकता है. ऐसा करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कोई रोकटोक नहीं है और बिना झिझक के अपनी जरुरत की चीज यहां से कोई भी निःशुल्क उठाकर ले जा सकता है. इसी वजह से यह मानवता की दीवार सही अर्थों में अपने नाम को पूर्ण करती है.
अगर आपके पास कोई चीज ज्यादा है तो यहां रख जाइये और अपने जरुरत की कोई भी चीज यहां से ले भी जाइये. मानवता की दीवार पर लिखे इस सन्देश को पाटन की जनता ने भी सार्थक किया है. यहां अपर क्लास और मध्यम वर्गीय लोग अपने घरों में रखा हुआ कई सामान यहां रख जाते है और जरुरतमंद लोग इन वस्तुओ को यहां से बेझिझक ले जाते हैं. सर्दी के मौसम में गरम कपड़े और गर्मी के समय में सामान्य कपड़े यहां पर लोगों द्वारा रखे जाते हैं.