Jammu Kashmir में 2 साल में ही पत्‍थरबाजों की निकल गई हेकड़ी, ये हैं इसके पीछे के प्रमुख कारण
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Jammu Kashmir में 2 साल में ही पत्‍थरबाजों की निकल गई हेकड़ी, ये हैं इसके पीछे के प्रमुख कारण

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) में आए दिन होने वाली पथराव की घटनाओं में उल्‍लेखनीय कमी आई है. पथराव कम होने से इन्‍हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों (Security Forces) को भी कम कार्रवाई करनी पड़ी और इससे लोगों के घायल होने के मामलों में भी भारी गिरावट आई है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर एक राहत भरी खबर आई है. पत्‍थरबाजी (Stone Pelting) की घटनाओं के लिए मशहूर रहे जम्‍मू और कश्‍मीर में इस साल ऐसी घटनाओं में जबरदस्‍त कमी देखने को मिली है. इसके पीछे आतंकवादियों के खिलाफ हो रही लगातार सख्‍त कार्रवाइयां और कोविड महामारी के कारण लगे प्रतिबंध (Covid Restrictions) प्रमुख वजह हैं. गृह मंत्रालय (MHA) के आंकड़ों के अनुसार 2019 की तुलना में इस साल ऐसी घटनाओं में 88 फीसदी की कमी आई है. 

  1. J&K में घटी पथराव की घटनाएं 
  2. 2 साल में 88 फीसदी की गिरावट 
  3. सुरक्षा बलों और लोगों के घायल होने के मामले भी घटे 

लोगों के घायल होने के मामले भी घटे 

आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई महीने के बीच हुईं पत्‍थरबाजी की घटनाएं 2019 की इसी अवधि के बीच हुईं घटनाओं से 88 फीसदी कम रही हैं. इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पत्‍थरबाजी की घटनाओं में कमी के कारण सुरक्षा बलों और नागरिकों के घायल होने की संख्‍या में भी क्रमश: 84 फीसदी और 93 प्रतिशत की कमी आई है. 

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में जनवरी से जुलाई के दौरान घाटी में पथराव की 618 घटनाएं दर्ज की गईं थी. 2020 में इसी अवधि के दौरान ऐसी 222 घटनाएं हुईं और 2021 में पत्‍थरबाजी की केवल 76 घटनाएं हुईं. इसके साथ ही इन घटनाओं के कारण 2019 में सुरक्षा बलों के 64 जवान घायल हुए और 2021 में इसी अवधि में 10 जवान घायल हुए. इसके अलावा पैलेट गन और लाठी चार्ज के कारण नागरिकों के घायल होने की संख्‍या भी 2019 के 339 आंकड़े से घटकर 2021 में 25 रह गई है. 

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गिरफ्तारियां बढ़ीं 

अशांति फैलाने वाले समूहों के ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की गिरफ्तारी इन 2 सालों में खासी बढ़ी है और 2019 के 82 की तुलना में इस साल 178 तक पहुंच गई है.

बता दें कि 6 अगस्त, 2019 को केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्‍म करके इसे 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. इस निर्णय को देखते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. अशांति फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया था. बाद में कोविड के कारण यहां लॉकडाउन रहा, जिससे पत्‍थरबाजी की घटनाओं में भारी कमी आई. हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आदेश जारी किया है पथराव में शामिल पाए जाने वाले लोगों को पासपोर्ट और सरकारी नौकरियों के लिए पुलिस सिक्‍योरिटी क्लियरेंस नहीं दिया जाएगा.

 

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