बाढ़ संकट: सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार निर्देश, मानने होंगे एनसीएमसी के निर्देश
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बाढ़ संकट: सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार निर्देश, मानने होंगे एनसीएमसी के निर्देश

केरल में भीषण बाढ़ के हालात राहत मिलती नहीं दिख रही है और इसबीच सुप्रीम कोर्ट ने राहत और बचाव के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: केरल में भीषण बाढ़ के हालात राहत मिलती नहीं दिख रही है और इसबीच सुप्रीम कोर्ट ने राहत और बचाव के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और केंद्रीय कैबिनेट सचिव द्वारा गठित उप-समिति से कहा है कि वो केरल बाढ़ आपदा के सिलसिले में मुल्लापेरियार बांध की समिति के साथ मिलकर काम करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी समितियों को आपस में तालमेल बनाकर बांध के जल स्तर को कम करने की संभावनाओं पर काम करना चाहिए. 

न्यायालय ने कहा कि बाढ़ से निपटने में वह कोई विशेषज्ञ नहीं है, इस संकट से निपटने की जिम्मेदारी कार्यपालिका पर छोड़ी जा रही है. इस बारे में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) के निर्देश ही प्रभावी होंगे. कोर्ट ने कहा कि राहत और बचाव के लिए एनसीएमसी के निर्देश केरल सरकार को मानने ही होंगे. ये निर्देश केरल सरकार के लिए बाध्यकारी होंगे. 

न्यायालय ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के संबंध में उठाए गए कदमों पर केरल से रिपोर्ट भी मांगी. न्यायालय ने केरल से कहा कि मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ते हुए समुचित एहतियाती कदम उठाए ताकि इससे लोग प्रभावित ना हो.

एनसीएमसी ने केरल में करीब एक सदी में आई सबसे भीषण बाढ़ की वजह से तेजी से बिगड़ती स्थिति की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में बैठक की. कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में थल सेना, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों के अलावा, गृह, रक्षा सचिवों समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों ने शिरकत की. स्थिति की गंभीरता पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुल्लापेरियार बांध की आपदा प्रबंधन समिति को आदेश दिया है कि बांध में जलस्तर को तीन फुट घटा कर 139 फुट पर लाने का तत्काल फैसला करें.

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