जो कोई भी किसी की तीर्थयात्रा बाधित करेगा, उसे पाप और श्राप लगेगा : कांग्रेस
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जो कोई भी किसी की तीर्थयात्रा बाधित करेगा, उसे पाप और श्राप लगेगा : कांग्रेस

राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवल यात्रा के लिए नेपाल रवाना हुए थे जहां से उन्होंने कैलाश के लिए प्रस्थान किया था.

7 सितंबर को राहुल की कैलाश मानसरोवर यात्रा की पहली तस्वीरें सामने आई थीं. (फाटो साभार ANI)

चंडीगढ़:  राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा का बीजेपी द्वारा उपहास उड़ाए जाने के सवाल पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जो भी किसी की तीर्थयात्रा ‘बाधित’ करेगा तो उसको पाप और शाप लगेगा. राफेल सौदे को लेकर बीजेपी के खिलाफ हमले तेज करते हुए शनिवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा कि लड़ाकू विमान का मूल्य कैसे बढ़ गया जबकि इसके लिए किया गया 'भारत-विशिष्ट उन्नयन’ वहीं है जो यूपीए शासनकाल के दौरान तय हुआ था.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस पर जवाब मांगते हुए पूछा कि जब इससे जुड़ी प्रणाली और हथियार वहीं है जिसे यूपीए शासनकाल में भारतीय वायु सेना ने मंजूरी दिए थी तो प्रति विमान लागत कैसे बढ़ गई.

कांग्रेस नेता ने एनडीए सरकार पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कथित तौर पर 'प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को कैसे छोड़ दिया और राफेल सौदे के तहत विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 कर दी.

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल (फाइल फोटो)

सुरजेवाला ने कहा,‘यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी और सीतारमण ने संसद के भीतर और बाहर जिस 'भारत-विशिष्ट उन्नयन’ का जिक्र किया था वे वही हैं, जिस पर कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा 126 राफेल लड़ाकू विमानों की निविदा जारी करने से पहले वायु सेना ने निर्णय किया था.’

सुरजेवाला ने दावा किया कि यूपीए शासन के दौरान हवाई कर्मचारियों की गुणात्मक आवश्यकताओं के तहत 13 भारत-विशिष्ट उन्नयनों का फैसला किया गया था. इनमें रडार उन्नयन, हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले,टोड डिकाय सिस्टम,लो-बैंड जैमर, रेडियो एलिमीटर और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बनी एयरफील्ड में परिचालन की क्षमता शामिल थी.

कैथल से विधायक सुरजेवाला ने कहा,‘अगर यह विशेष विवरण यूपीए सरकार के दौरान पहले से ही तय हो गए थे और इन्हीं पर मोदी सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा किया तो फिर जनता को 41,000 करोड़ रुपए का नुकसान कैसे पहुंचाया गया?’ उन्होंने मोदी सरकार को यह दावा करने के लिए आड़े हाथ लिया कि यूपीए शासनकाल के दौरान राफेल सौदे के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कोई करार नहीं हुआ था. कांग्रेस ने कहा कि पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार संप्रग सरकार के शासन में जारी की गयी आरपीएफ प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री के ‘झूठों’ को पूरी तरह बेनकाब करता है.

वर्ष 2019 में सत्ता में आने पर कांग्रेस के इस सौदे की समीक्षा करने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि यदि इस सरकार ने मामले पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन नहीं किया तो जांच की जाएगी.

(इनपुट - भाषा)

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