खुफिया सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर तैनात चीनी सैनिकों के पास अब हथियार नजर आ रहे हैं और बड़े पैमाने पर सैनिकों के रुकने की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके अलावा एयरडिफेंस के नए सिस्टम्स को एलएसी के करीब लाया गया है.
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नई दिल्ली: चीन (China) एक तरफ शांति की बातें कर रहा है वहीं दूसरी ओर एलएसी पर टकराव की नए सिरे से तैयारी भी कर रहा है. भरोसेमंद खुफिया सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर तैनात चीनी सैनिकों के पास अब हथियार नजर आ रहे हैं और बड़े पैमाने पर सैनिकों के रुकने की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके अलावा एयरडिफेंस के नए सिस्टम्स को एलएसी के करीब लाया गया है.
इससे पहले एलएसी पर तैनात दोनों ओर के सैनिक फायर आर्म्स के साथ नहीं आते थे. हाल ही में सामने आई एक तस्वीर में चीनी सैनिक परंपरागत चीनी बरछा गुआंदाओ लिए हुए नजर आए थे. लेकिन खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों को अब फायर आर्म्स दिए गए हैं. इसका अर्थ ये है कि चीनी सैनिक एलएसी पर तयशुदा समझौतों को तोड़कर फायरिंग करने के लिए तैयार हैं.
इसके साथ ही पेंगोंग झील के पूर्वी किनारे से लेकर फिंगर एरिया और सिरजाप में बड़े पैमाने पर शेल्टर्स बनाने का काम जारी है. इनका इस्तेमाल सर्दियों में सैनिकों को ठहराने के लिए किए जाने की संभावना है.
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पिछले कुछ दिनों में बड़े चीनी सैनिक अधिकारी कई बार एलएसी के पास तैनात सैनिकों से मिलने आए हैं. एक सैन्य अफसर ने बताया कि बड़े सैनिक अधिकारियों का फॉरवर्ड एरिया में तैनात सैनिकों से मिलने आना दो वजहों से होता है. या तो सैनिकों का गिरा हुआ मनोबल ऊंचा उठाने के लिए या फिर किसी बड़े अभियान के लिए उन्हें तैयार करने के लिए.
चीन ने अक्साई चिन में पुराने सैनिक अड्डे शहीदुल्ला में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं. इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में दुश्मन की संचार व्यवस्था को ठप करना, रडार को जाम करना या संचार व्यवस्था में सेंध लगाना होता है.
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