राजीब बनर्जी (Rajib Banerjee) ने कहा, ‘‘मैंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मैं पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) प्रमुख ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे जनता की सेवा करने का मौका दिया.’’
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से हटने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीब बनर्जी (Rajib Banerjee) ने विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया. राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है. दोमजूर विधानसभा सीट से विधायक एवं पूर्व वन मंत्री आज सुबह विधानसभा गये और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा.
राजीव बनर्जी (Rajib Banerjee) ने कहा,‘‘ मैंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मैं पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) प्रमुख ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे जनता की सेवा करने का मौका दिया.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह तृणमूल कांग्रेस भी छोड़ देंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने इस संबंध में अब तक निर्णय नहीं लिया है. मैं अपना रुख कल स्पष्ट करूंगा.’’
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बनर्जी ने कई मौकों पर अपने सहकर्मियों की आलोचना की है. भाजपा में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आप लोगों की सेवा करना चाहते हैं तो आपको किसी राजनीतिक दल से जुड़े रहने की जरूरत होती है. लोग हमेशा नेता को किसी दल से जुड़ा देखना चाहते हैं. लेकिन मैंने अब तक भाजपा नेताओं से बातचीत नहीं की है.’’ हालांकि, उन्होंने यह भी कहा,‘‘ आने वाले दिनों में मैं दोमजूर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा करता रहूंगा.’’
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 31 जनवरी को बनर्जी के गृह जिले हावड़ा में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं. विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को असहज स्थिति में डालने वाले पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की बढ़ती सूची में शामिल होते हुए बनर्जी ने पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही, बनर्जी ने कहा कि था कि यह कदम उठाने के लिए वह मजबूर हो गये क्योंकि उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं की कार्यशैली के खिलाफ जो अपनी बात रखी, उसके चलते उन नेताओं ने उनका सार्वजनिक रूप से अपमान किया.
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शुभेंदु अधिकारी और लक्ष्मी रतन शुक्ला के बाद पिछले दो महीने में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले वह तीसरे मंत्री हैं. तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व बनर्जी से कई दौर की बातचीत कर चुका है. अधिकारी, भाजपा में शामिल हो गये जबकि शुक्ला ने राजनीति से संन्यास लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी.