शिमला में मनाने जा रहे हैं समर वेकेशन, तो इस स्पेशल टॉय ट्रेन में करिए Enjoy
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शिमला में मनाने जा रहे हैं समर वेकेशन, तो इस स्पेशल टॉय ट्रेन में करिए Enjoy

हिमाचल प्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर वाली कालका-शिमला पर्वतीय रेलवे को पर्यटन सुविधाओं के लिहाज से सुसज्जित किया गया है. 

100 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन पर 102 सुरंगे और 919 घुमाव हैं.

नई दिल्‍ली: गर्मियों की छुट्टियों में शिमला का रुख करने वाले पयर्टकों के लिए भारतीय रेलवे ने स्‍पेशल टॉय ट्रेन शुरू की है. सीमित समय के लिए शुरू की गई इस स्‍पेशल टॉय ट्रेन का परिचालन कालका से शिमला के बीच किया जाएगा. भारतीय रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, 52459/52460 कालका-शिमला-कालका समर स्पेशल टॉय ट्रेन दैनिक आधार पर चलाई जा रही हैं. हिमाचल प्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर वाली कालका-शिमला पर्वतीय रेलवे को पर्यटन सुविधाओं के लिहाज से सुसज्जित किया गया है.   

  1. 20 साल लंबे प्रयासों के बाद चली थी यह ट्रेन
  2. यूनेस्‍को से मिला है विश्‍व धरोहर का खिताब
  3. बेहद रोमांचक है कालका से शिमला का सफर

भारतीय रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि 52459 कालका-शिमला समर स्पेशल टॉय ट्रेन कालका से सुबह 5:10 बजे प्रस्थान करेगी और उसी दिन सुबह 09:50 बजे शिमला पहुंचेगी. पहुँचती है. वापसी दिशा में, 52460 शिमला कालका समर स्पेशल टॉय ट्रेन शिमला से शाम 5:25 बजे प्रस्थान करके  उसी दिन रात्रि 10:05  बजे  कालका पहुंचेगी. उन्‍होंने बताया कि यह रेलगाड़ी दोनों दिशाओ में बड़ोग स्टेशन पर ठहरती है. यह ट्रेन कालका से शिमला और शिमला से कालका के बीच की 100 किलोमीटर की दूरी को पूरा करने में 4 घंटे और 40 मिनट का समय लेती है.

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20 साल लंबे प्रयासों के बाद चली थी यह ट्रेन
भारतीय रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य की राजधानी शिमला हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रेणियों में 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 100 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन पर 102 सुरंगे हैं. बड़ोग में बनी 1144 मीटर लंबी सुरंग इस लाइन की सबसे बड़ी सुरंग है. इसके अलावा, इस लाइन में 869 पुल, 18 रेलवे स्टेशन और 919 घुमाव हैं. पर्वतीय पर्यटन के लिहाज से अहम भूमिका अदा करने वाली इस ट्रेन का सफर पर्यटकों को अद्भुत एहसास कराने वाला है. उन्‍होंने बताया कि ब्रिटिश काल में बनी इस रेलवे लाइन को बनाने में 20 साल लंबा समय था. 

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यूनेस्‍को से मिला है विश्‍व धरोहर का खिताब 
रेवले के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, 8 जुलाई, 2008 को यूनेस्को ने भारत की इस कालका-शिमला पर्वतीय रेलवे को विश्व धरोहर का दर्ज़ा प्रदान किया था. उन्‍होंने बताया कि शिमला की ठंडी जलवायु और खूबसूरत वादियाँ समूचे उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से पर्यटकों को हर मौसम में अपनी तरफ आकर्षित करती हैं. कालका और शिमला के बीच चलने वाली रेलगाड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं. इस रेलगाड़ी की यात्रा के बिना शिमला जाना अधूरा-सा लगता हैं. उत्तर रेलवे इस रेलमार्ग पर अनेक रेल सेवाओं का संचालन करती है. इनमे रेल मोटर कार, शिवालिक पैलेस , शिवालिक क्वीन और शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस रेल सेवाएं शामिल है.  

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