ट्रिपल तलाक: जल्द बने कानून जिससे हम महिलाएं खुली हवा में सांस ले सकें- शायरा बानो
Advertisement

ट्रिपल तलाक: जल्द बने कानून जिससे हम महिलाएं खुली हवा में सांस ले सकें- शायरा बानो

मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा के खिलाफ मुश्किल कानूनी लड़ाई को अंजाम तक ले जाने वाली शायरा बानो ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए विधेयक लाने की सरकार की योजना पर खुशी जताई है.

ट्रिपल तलाक: जल्द बने कानून जिससे हम महिलाएं खुली हवा में सांस ले सकें- शायरा बानो

नई दिल्ली: मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा के खिलाफ मुश्किल कानूनी लड़ाई को अंजाम तक ले जाने वाली शायरा बानो ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए विधेयक लाने की सरकार की योजना पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा है कि सख्त कानून से ही मुस्लिम महिलाएं इस कुप्रथा से पूरी तरह आजादी हासिल कर सकती हैं और खुली हवा में सांस ले सकती हैं.शायरा बानो का यह भी कहना है कि 22 अगस्त को आए उच्चतम न्यायालय के बड़े फैसले के बावजूद मुस्लिम समाज के ‘अशिक्षित वर्ग’ की सोच में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा और वह इस फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार इस मामले पर जल्द कानून बनाएं ताकि मुस्लिम महिलाओं को इस कुप्रथा से पूरी तरह आजादी मिल सके.

  1. शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है
  2. शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने पर विचार चल रहा है
  3. शायरा बानो को उनके पति ने स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक दिया था

यह भी पढ़े- शीतकालीन सत्र में ट्रिपल तलाक पर कानून बना सकती है सरकार, गठित की मंत्रियों की कमेटी

सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र में तीन तलाक को लेकर विधेयक लाने पर विचार चल रहा है और इस संदर्भ में एक मंत्री स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है. उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली 35 साल की शायरा बानो ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले से ही मुद्दा खत्म नहीं हो जाता.  तीन तलाक और मुस्लिम महिलाओं को परेशान करने वाले दूसरे मुद्दों के समाधान के लिए सख्त कानून की जरूरत है.  मेरी यह मांग है कि सरकार जल्द कानून बनाए ताकि मुस्लिम महिलाएं खुली हवा में सांस ले सकें. ’’उन्होंने कहा,‘‘मैंने यह महसूस किया है कि मुस्लिम समाज का अशिक्षित तबका न्यायालय के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहा है.

यह भी पढ़े- AMU के प्रोफेसर ने व्‍हाट्सऐप के जरिये पत्‍नी को दिया तलाक, पत्‍नी ने बच्‍चों समेत खुदकुशी की धमकी दी

उनको लगता है कि यह धार्मिक मामले में दखल है, जबकि ऐसा नहीं है. मुस्लिम महिलाएं वो हक मांग रही हैं जो उनको कुरान ने दिए हैं. ’शायरा बानो ने यह भी कहा,‘‘मुझे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और सरकार पर पूरा यकीन है. लेकिन यह कहना चाहती हूं कि कानून को लेकर देरी नहीं करें और किसी तरह के दबाव में भी नहीं आएं.’’देश की शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को सायरा बानू के मामले में ही तीन तलाक की प्रथा को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था.

शायरा बानो को उनके पति ने 10 अक्तूबर, 2015 को स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक दिया था.इसके बाद उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई शुरू की.  उनकी शादी 2002 में हुई थी और फिलहाल अपने दो बच्चों के संरक्षण के लिए वह कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं. 

Trending news